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जयंत सिंह के पाला बदलने से राज्यसभा चुनाव में बदल जाएंगे समीकरण

उत्तर प्रदेश में बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए का कुनबा बढ़ने जा रहा है. आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी विपक्षी इंडिया गठबंधन से पाला बदलकर अब एनडीए के साथ जुड़ने जा रहे हैं. आरएलडी की 2+1 सीट फार्मूले पर बीजेपी के साथ डील फिक्स हो गई है. बीजेपी ने बागपत और बिजनौर लोकसभा सीट आरएलडी को दी है और एक राज्यसभा सीट. जयंत चौधरी के एनडीए खेमे में जाने से लोकसभा पर बाद में सियासी प्रभाव पड़ेगा, लेकिन उससे पहले यूपी में हो रहे राज्यसभा चुनाव का गणित पूरी तरह बदल जाएगा. इस तरह सपा के तीन राज्यसभा सीटें जीतने की उम्मीदों पर जयंत चौधरी ग्रहण बन सकते हैं

राज्यसभा चुनाव का फैसला विधायकों की संख्या पर आधार पर होता है. यूपी की 403 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल 399 सदस्य हैं. राज्यसभा में एक सीट जीतने के लिए कम से कम 38 विधायकों की जरूरत होगी. इसके लिए एक फार्मूला है, जिससे जीत के लिए वोटों की संख्या तय होती है. प्रदेश के कुल विधायकों की संख्या में कुल खाली सीटों की संख्या से 1 जोड़कर भाग दिया जाता है, जिसके बाद जो परिणाम आता है, उसमें एक जोड़कर न्यूनतम कर लिया जाता है. 399 विधायक हैं और राज्यसभा की खाली 10 सीटों में एक जोड़कर, जब 11 से भाग देते हैं तो फिर 36.27 आंकड़ा आता है, जिसमें एक जोड़ देते हैं तो 37.27 हो जाता है. इस तरह एक राज्यसभा सीट के लिए कम से 38 विधायकों का समर्थन चाहिए.