Nainital: दीपावली के मौके पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अधिकारी उल्लुओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। ये सीधे-सादे पक्षी बेहद शांत होते हैं लेकिन, इंसान अपने अंधविश्वासों और कर्मकांडों के चलते उल्लुओं को निशाना बना रहे हैं।
कुछ लोग मानते हैं कि लक्ष्मी पूजा के दौरान उल्लू की बलि देने से धन और समृद्धि आती है। इस मिथक की वजह से इन पक्षियों की तस्करी और हत्या हो रही है। अधिकारियों ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में उल्लुओं की सुरक्षा के लिए गश्त बढ़ा दी है और सभी संवेदनशील जगहों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
उत्तर प्रदेश वन विभाग के साथ, कॉर्बेट प्रशासन ने जनता से ‘उल्लू के अवैध शिकार’ या वन्यजीव संबंधी अपराधों की किसी भी घटना की सूचना देने की अपील की है।
प्रकृति प्रेमी संजय छिम्वाल ने कहा कि “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अभी भी लोग तंत्र-मंत्र में विश्वास कर रहे हैं, जिसके वजह से कई पशु-पक्षियों की जान चली जा रही है। दिवाली के अवसर पर ये देखा गया है कि कुछ लोग तंत्र साधना करने के लिए उल्लुओं का इस्तेमाल करते हैं और उसकी बलि देते हैं लक्ष्मी माता को प्रसन्न करने के लिए जो बिल्कुल गलत है। लक्ष्मी जी का वाहन माना गया है उल्लू को और हमारे पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण जीव है जो चूहों को मारने में मददगार होता है। लगता है कि इसके ऊपर निश्चित रूप से कोई स्ट्रिक्ट एक्शन लेना चाहिए ऐसी अगर कोई गतिविधि सामने आती है, हालांकि विभाग इस समय अपनी मुस्तैदी बढ़ा देता है।”
उप-मंडल अधिकारी अमित ग्वासाकोटी ने कहा कि “दिवाली के मद्देनजर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में कोई अवैध घुसपैठ ना हो, इसके लिए हाई अलर्ट जारी किया गया है। कर्मचारियों की सभी की छुट्टियां रद्द की गई हैं और साथ ही साथ जो इसकी दक्षिणी सीमा है जहां पर घुसपैठ की आशंका रहती है वहां पर हमारी विशेष गश्त की जा रही हैं। स्निफर डॉग, मेटल डिटेक्टर के माध्यम से जो रेलवे स्टेशन हैं, ऐसे रोड हैं, कुछ घुमंतू प्रजाति के लोग रहते हैं उनकी भी तलाशी ली जा रही है। साथ ही साथ जहां अंधविश्वास के तहत कुछ बाबा लोग जो होते हैं, इसके लिए भी विशेष गश्तें आयोजित की जा रही हैं।”