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सरकारी नौकरी छोड़ एक साल पहले कान्हा की मूर्ति संग लिए सात फेरे, अब वृंदावन में मनाई सलागिरह

मथुरा: कहते हैं एक बार किसी से दिल लग जाए तो फिर उसे दुनिया की परवाह नहीं रहती। जब दिल भगवान से लग जाए तो फिर कहना ही क्या। ऐसा ही कुछ हुआ था फरीदाबाद की रहने वाली कृष्ण भक्त प्रिया के साथ। भगवान से ऐसी प्रीत लगी कि उन्होंने सब कुछ छोड़कर एक साल पहले वृंदावन में भगवान के साथ 7 फेरे लिए। अब शादी की डेट यानी एनिवर्सरी पर धूमधाम से वृंदावन में पहली एनिवर्सरी मनाई।

वृंदावन में भगवान कृष्ण से प्रिया ने पिछले साल 29 नवंबर 2022 को पूरे रीति रिवाज से शादी की थी। अब बुधवार को एनिवर्सरी मनाई। एनिवर्सरी भी सामान्य तरीके से नहीं, बकायदा इसके लिए होटल बुकिंग हुई। सजावट की गई। मेहमान को न्योता दिया गया। भगवान कृष्ण की मूर्ति को पहले एक मुरली और मोर पंख से सजाया गया। उनको सेहरा पहनाया गया। भगवान का यह रूप देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया।

एनिवर्सरी में पहले कान्हा को स्टेज पर लाया गया। इसके बाद प्रिया की एंट्री हुई। दुल्हन की तरह सजी प्रिया घूंघट ओढ़कर कान्हा के सामने आई। धीरे-धीरे स्टेज की तरफ बढ़ीं। पति रूप में विराजमान भगवान को देखा तो अपने को रोक नहीं पाई और भजन पर डांस करने लगीं।

पहली एनिवर्सरी को मनाने में प्रिया ने किसी तरह की कसर नहीं छोड़ी। मंच पर पहुंचने के बाद पहले प्रिया ने भगवान के गले में वरमाला डाली उसके बाद भगवान के हाथ लगवा कर खुद वरमाला पहनी। भगवान के साथ इस अटूट भक्ति को देख वहां मौजूद हर कोई राधे-राधे कहता रहा।

भगवान के साथ अपनी शादी की पहली एनिवर्सरी मना रहीं प्रिया ने कहा-हर पति अपनी पत्नी को गिफ्ट देता है। हमारे कान्हा ने भी बहुत सुंदर रिंग गिफ्ट दी है। हमने भी उनको खास उपहार दिया है। प्रिया ने इस अवसर पर अपने भगवान रूपी पति से कहा कि बिहारी तेरे लिए में बलिहारी-बलिहारी।

प्रिया ने बताया कि मेरा जन्म हरियाणा के फरीदाबाद में हुआ था। मेरे बचपन का नाम सीता है। जब मैं 6 साल की थी, तब मैं छिपकर अपनी ताई के साथ गोवर्धन और वृंदावन आती रहती थी। दरअसल, मेरा परिवार कट्टर आर्य समाजी था। मूर्ति पूजा का विरोध करता था। लेकिन मेरा मन कृष्ण भक्ति में लग गया। जब घरवालों को ये बात पता चली तो मुझे मार भी पड़ी।

मगर भगवान से उनकी भक्ति बढ़ती गई। गड्डू गोपालजी का ही आशीर्वाद है कि मैंने पहले MBA, फिर PhD की। यही नहीं, मैंने यूनिवर्सिटी टॉप किया। इसके अलावा वॉलीबॉल की खिलाड़ी रहीं। इसके चलते मेरा स्पोर्ट्स कोटा में चंडीगढ़ फोरेंसिक में SI पद पर चयन हो गया। कुछ दिन नौकरी की, लेकिन फिर मन गोपालजी की तरफ लगने लगा और नौकरी छोड़ दी।

इसके बाद इंडिगो एयर में HR एयर होस्टेज बनी। यहां भी वही हाल रहा और फिर सब कुछ छोड़कर वृंदावन आईं। फिर मैंने लड्डू गोपालजी से शादी करने का पूरा मन बना लिया। मैंने मां को फोन किया और कहा कि क्या वह अपनी बेटी का कन्या दान नहीं करेंगी। तो मां ने सहमति दे दी और 29 नवंबर 2022 को मैंने लड्डू गोपाल से शादी कर ली। इस सपने को पूरा करने के लिए मैंने 14 साल इंतजार किया।