उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में कई श्रद्धालु 'कल्पवास' का अभ्यास कर रहे हैं। कल्पवास एक आध्यात्मिक परंपरा है। इसमें तय समय तक किसी पवित्र स्थान पर अनुशासित जीवन जीना होता है। श्रद्धालु इस दौरान पूजा-पाठ करते हैं, उपवास करते हैं और विशेष अनुष्ठान करते हैं।
महाकुंभ में संगम के पास कल्पवासियों के खास शिविर हैं। वे पवित्र संगम पर डुबकियां लगाते हैं, प्रार्थना करते हैं, आध्यात्मिक चर्चा करते हैं, भजन गाते हैं, सामुदायिक सेवा करते हैं और अपना खाना खुद पकाते हैं।
इस बार महाकुंभ में करीब 10 लाख श्रद्धालुओं के कल्पवास का अभ्यास करने की संभावना है। उनका आध्यात्मिक अभ्यास बारह फरवरी को माघ पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में डुबकी लगाकर प्रार्थना के साथ समाप्त होगा।