मिर्गी का दौरा एक गंभीर और खतरनाक स्थिति हो सकती है, जिसमें व्यक्ति का मस्तिष्क अचानक से असामान्य गतिविधियों का सामना करता है। यह मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की समस्याओं का कारण बन सकता है। मिर्गी के दौरे के दौरान मस्तिष्क के न्यूरॉन (तंत्रिका कोशिकाएं) असामान्य रूप से इलेक्ट्रिकल सिग्नल भेजते हैं, जिससे शरीर में बहुत सी अप्रत्याशित हरकतें होती हैं। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसे समय पर सही उपचार की आवश्यकता होती है। आइए जानते हैं कि मिर्गी का दौरा क्यों पड़ता है, इसके कारण और इसके लक्षण क्या होते हैं।
मिर्गी का दौरा क्यों पड़ता है?
मिर्गी का दौरा आमतौर पर तब पड़ता है जब मस्तिष्क के न्यूरॉन्स में असामान्य इलेक्ट्रिकल गतिविधि होती है। यह असामान्य गतिविधि मस्तिष्क के एक या एक से अधिक हिस्सों में हो सकती है। मिर्गी के दौरे के कई कारण हो सकते हैं:
मस्तिष्क में चोट या दुर्घटना
मस्तिष्क की चोट, जैसे सिर पर चोट लगना, मिर्गी के दौरे का कारण बन सकती है। किसी दुर्घटना में मस्तिष्क में चोट लगने से यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
मस्तिष्क संक्रमण
मस्तिष्क में संक्रमण जैसे कि मस्तिष्कदाह (Encephalitis) या मेनिन्जाइटिस (Meningitis) मिर्गी का कारण बन सकते हैं। इन संक्रमणों के कारण मस्तिष्क में सूजन हो सकती है, जिससे दौरे पड़ने लगते हैं।
जेनेटिक कारण
कुछ लोगों में मिर्गी का दौरा जेनेटिक (आनुवंशिक) कारणों से हो सकता है। अगर परिवार में किसी को मिर्गी की समस्या हो, तो आगे आने वाली पीढ़ी में भी यह समस्या हो सकती है।
मस्तिष्क ट्यूमर
मस्तिष्क में कोई ट्यूमर (गांठ) भी मिर्गी का कारण हो सकता है। ट्यूमर के कारण मस्तिष्क में दबाव पड़ता है और न्यूरॉन्स की गतिविधि में बदलाव आता है।
विटामिन और खनिज की कमी
मस्तिष्क के कार्य में विटामिन बी12, आयरन, और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों की कमी से मिर्गी के दौरे पड़ सकते हैं।
अत्यधिक शराब का सेवन या ड्रग्स का प्रभाव
शराब का अत्यधिक सेवन या ड्रग्स का इस्तेमाल मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकता है, जिससे मिर्गी का दौरा पड़ सकता है।
आलस्य और नींद की कमी
पर्याप्त नींद न लेना या शरीर में अत्यधिक थकान और तनाव मस्तिष्क को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे मिर्गी के दौरे का खतरा बढ़ सकता है।
मस्तिष्क में रासायनिक असंतुलन
मस्तिष्क में रासायनिक असंतुलन, जैसे कि न्यूरोट्रांसमिटर्स (जैसे गाबा, ग्लूटामेट) के असंतुलन, मिर्गी का कारण बन सकते हैं।
मिर्गी के दौरे के लक्षण
मिर्गी के दौरे के लक्षण व्यक्ति की स्थिति और मस्तिष्क के प्रभावित हिस्से पर निर्भर करते हैं। इसके लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
दूसरी दुनिया में चले जाने जैसा अनुभव
कुछ लोग मिर्गी के दौरे के दौरान असामान्य तरीके से सोचते हैं या महसूस करते हैं। वे अचानक से लापता महसूस कर सकते हैं, गहरे भ्रम में हो सकते हैं या हड़बड़ी महसूस कर सकते हैं।
सिर के झटके और अकड़न
मिर्गी का दौरा पड़ने पर शरीर में झटके आ सकते हैं। यह एक या दोनों हाथ-पैरों में अकड़न या दौड़ते हुए झटके के रूप में हो सकता है।
सांस लेने में कठिनाई
दौरे के दौरान व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है, और कभी-कभी श्वास रुक भी सकती है।
दिमागी भ्रम और चेतना का नुकसान
मिर्गी के दौरे के बाद व्यक्ति होश खो सकता है और अपनी स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं रखता।
अत्यधिक लार या झाग निकलना
दौरे के दौरान मुंह से लार या झाग निकलना एक सामान्य लक्षण हो सकता है।
संचलन में परेशानी
दौरे के बाद व्यक्ति को सामान्य रूप से चलने में कठिनाई हो सकती है और वह असंतुलित हो सकता है।
जी मिचलाना और उल्टी
मिर्गी का दौरा पड़ने के बाद व्यक्ति को उल्टी महसूस हो सकती है और पेट में हलचल हो सकती है।
मिर्गी का इलाज और बचाव
मिर्गी का इलाज दवाओं से किया जाता है। डॉक्टर एंटी-एपिलेप्टिक दवाएं (AEDs) निर्धारित कर सकते हैं, जो मस्तिष्क में इलेक्ट्रिकल गतिविधियों को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। इसके अलावा, जीवनशैली में बदलाव जैसे कि तनाव से बचना, उचित नींद लेना और स्वस्थ आहार लेना भी मिर्गी के दौरे को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
मिर्गी का दौरा एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन सही उपचार और जीवनशैली में बदलाव से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। अगर किसी को मिर्गी के दौरे का सामना हो, तो उसे तत्काल मेडिकल मदद की आवश्यकता होती है। समय रहते इलाज शुरू करने से मिर्गी को पूरी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है।