ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने गुरुवार को एक बड़े फैसले का ऐलान किया है जो दुनिया भर के देशों के लिए मिसाल बन सकता है। ऑस्ट्रेलिया एक ऐसा कानून लाने जा रहा है जिसके लागू होने के बाद देश में 16 साल से कम उम्र के बच्चे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। इस कानून के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को जिम्मेदारी उठानी होगी कि 16 साल से कम आयु वर्ग के बच्चे इनका इस्तेमाल ना कर सकें। ऑस्ट्रेलिया के राज्यों और क्षेत्रों ने शुक्रवार को इस नेशनल प्लान पर अपनी सहमति जताई।
भारत में अभिभावकों और शिक्षकों समेत बड़ी तादाद में लोगों ने ऑस्ट्रेलिया में की जा रही इस पहल को अच्छा कदम बताया है। कुछ बच्चों ने भी प्रतिबंध का समर्थन किया और सुझाव दिया कि सोशल मीडिया और स्मार्टफोन का इस्तेमाल रिसर्च और पढ़ाई से जुड़ी चीजों के लिए किया जाना चाहिए।
हालांकि, जानकारों का मानना है कि पूरी तरह से प्रतिबंध बच्चों को सोशल मीडिया के इस्तेमाल से बेहतर तरीके से नहीं रोक पाएगा। उनके मुताबिक ये उन्हें न सिर्फ इसका ज्यादा इस्तेमाल करने के लिए उकसाएगा बल्कि प्रतिबंधों से बचने के तरीके खोजने के लिए प्रेरित कर सकता है।
प्रौद्योगिकी और बाल कल्याण से जुड़े क्षेत्रों में महारथ रखने वाले 140 से ज्यादा ऑस्ट्रेलियाई और अंतरराष्ट्रीय शिक्षाविदों ने पिछले महीने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज को लिखे एक ओपन लेटर पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें उन्होंने सोशल मीडिया पर उम्र सीमा का विरोध करते हुए इसे खतरों से बेहतर ढंग से निपटने के लिए बहुत ही कमजोर जरिया बताया था।
इसी तरह, भारत में भी कई लोग सोशल मीडिया के फायदों का जिक्र करते हैं और इस पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के बजाय इसके इस्तेमाल पर निगाह रखने की वकालत करते हैं। ये विधेयक 18 नवंबर से शुरू हो रहे आस्ट्रेलियाई संसद के इस साल के आखिरी दो सप्ताह के सेशन के दौरान पेश किया जाएगा।
कानून पास होने के 12 महीने के बाद ये उम्र सीमा लागू कर दी जाएगी। इससे एक्स, टिकटॉक, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे प्लेटफार्मों को वक्त मिलेगा और वो 16 साल से कम उम्र के ऑस्ट्रेलियाई बच्चों को इनका इस्तेमाल करने से रोकने के तरीके ढूंढ सकेंगे।