अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तीन दशक के अंतराल के बाद परमाणु हथियारों का परीक्षण फिर से शुरू करने की अपनी योजना को सही ठहराते हुए कहा कि पाकिस्तान और चीन उन देशों में शामिल हैं जो परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहे हैं। ट्रंप ने गत गुरुवार को दक्षिण कोरिया में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अपनी बैठक से पहले घोषणा की थी कि अमेरिका प्रतिद्वंद्वी शक्तियों के साथ ‘बराबरी के आधार’ पर परमाणु हथियारों का परीक्षण शुरू करेगा।
ट्रंप ने रविवार को एक साक्षात्कार में रूस, चीन, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान को परमाणु हथियार परीक्षण करने वाले देश बताया। उन्होंने कहा, ‘‘रूस और चीन परीक्षण कर रहे हैं, लेकिन वे इसके बारे में बात नहीं करते। आप जानते हैं, हम एक खुला समाज हैं। हम अलग हैं। हम इसके बारे में बात करते हैं... हम परीक्षण करेंगे, क्योंकि वे परीक्षण करते हैं और दूसरे भी परीक्षण करते हैं।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से उत्तर कोरिया परीक्षण कर रहा है। पाकिस्तान भी परीक्षण कर रहा है।’’ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पिछले सप्ताह कहा था कि रूस ने पोसाइडन परमाणु-सक्षम ‘सुपर टॉरपीडो’ का परीक्षण किया है। ट्रंप ने अपने वक्तव्य में परमाणु हथियारों के परीक्षण की प्रक्रिया पुनः शुरू करने के अपने निर्णय को दृढ़तापूर्वक उचित ठहराया। उन्होंने कहा कि हथियारों की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए परीक्षण आवश्यक है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘वे (दूसरे देश) परीक्षण करते हैं, और हम परीक्षण नहीं करते। हमें परीक्षण करना ही होगा। रूस ने भी कुछ दिन पहले थोड़ी धमकी दी थी जब उसने कहा था कि वे कुछ अलग स्तर के परीक्षण करने वाले हैं। लेकिन रूस परीक्षण करता है, चीन परीक्षण करता है, और हम भी परीक्षण करने वाले हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप परमाणु हथियार बनाते हैं और फिर उनका परीक्षण नहीं करते। आप ऐसा कैसे करेंगे? आपको कैसे पता चलेगा कि वे काम करते हैं या नहीं?’’ अमेरिकी मीडिया के मुताबिक अमेरिका की सेना नियमित रूप से अपनी उन मिसाइलों का परीक्षण करती है जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं, लेकिन उसने 1992 के बाद से परमाणु हथियारों का वास्तविक परीक्षण नहीं किया है।
ट्रंप ने सीबीएस न्यूज को दिये साक्षात्कार में एक बार फिर मई में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष तथा सात अन्य संघर्षों को रोकने का श्रेय लिया। उन्होंने कहा, ‘‘और इस बीच, मैंने आठ युद्ध रोके हैं। मैंने आठ युद्ध समाप्त कर दिए हैं। मेरे पास आठ युद्ध थे।’’ ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में कहा, ‘‘यह एकमात्र ऐसा युद्ध है जिसमें मैं अभी तक सफल नहीं हुआ हूं, लेकिन इसमें भी सफलता मिलेगी।’’
उन्होंने दावा किया कि कंबोडिया-थाईलैंड, कोसोवो-सर्बिया, कांगो-रवांडा, इजराइल-ईरान, मिस्र-इथियोपिया, इजराइल-हमास; आर्मेनिया-अजरबैजान, और भारत-पाकिस्तान संघर्ष को रुकवाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने कुछ संघर्षों को समाप्त करने के लिए शुल्क का इस्तेमाल किया। ट्रंप ने कहा, ‘‘इसने भारत के मामले में काम किया, इसने पाकिस्तान के मामले में काम किया, और इसने उन देशों में से 60 प्रतिशत के मामले में काम किया। मैं आपको बता सकता हूं कि अगर शुल्क और व्यापार न होता, तो मैं ये समझौते नहीं करा पाता।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने एक दिन खड़े होकर कहा, ‘अगर डोनाल्ड ट्रंप इसमें हस्तक्षेप नहीं करते, तो लाखों लोग अब तक मर चुके होते।’ यह एक बुरा युद्ध था जिसे वह शुरू करने के लिए तैयार थे।’’ भारत का रुख है कि पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति दोनों देशों की सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी थी।