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हरियाणा के 9 गांवों में कैंसर बीमारी को लेकर होगा सर्वे, स्वास्थ्य विभाग ने दिए आदेश

हरियाणा के नूंह जिले के 9 गांव में कैंसर रोगियों का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग नूंह के द्वारा सर्वे करने के आदेश दिए गए हैं। कैंसर की बीमारी से अब तक मरने वाले और पीड़ित लोगों का पता लगाने के लिए फील्ड में टीमों को उतार दिया गया है। कैंसर की खबर मिलने के बाद प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप हैं। कल यानि मंगलवार को उपायुक्त अखिल पिलानी ने स्वास्थ्य विभाग की बैठक बुलाई है। इतना ही नहीं फलेंडी सहित कई गांव से पानी के सैंपल लेकर प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गए हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने पत्र जारी कर नूंह जिले के निजामपुर, मालब, आकेड़ा, फलेंडी, झारोखड़ी, बिछोर, सटकपुरी, टपकन, रिगड़ इत्यादि गांवों में सर्वे करने का फैसला लिया है। इन गांव में कैंसर रोगियों की संख्या आम गांव के मुकाबले अधिक है। दरअसल गत 29 अक्टूबर को पुनहाना विधानसभा के फलेंडी गांव में उपायुक्त अखिल पिलानी एवं पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार के द्वारा रात्रि ठहराव कार्यक्रम की सुनवाई के दौरान ग्रामीणों द्वारा कैंसर के प्रकोप के बारे में जानकारी दी गई। उसके बाद जब यह खबर मीडिया की सुर्खियां बनी तो पूरा सिस्टम हरकत में आ गया। 

स्वास्थ्य विभाग अब रातों - रात इन गांव की सूची तैयार करने में जुट गया है। अभी तक सर्वे कंप्लीट नहीं हुआ है इसलिए कैंसर से मरने वाले तथा कैंसर से पीड़ित लोगों का आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है, लेकिन मंगलवार तक स्वास्थ्य विभाग की टीम मोटे तौर पर सर्वे कर पता लगा चुकी होंगी कि अब तक कैंसर की वजह से कितने परिवारों के चिराग बुझ चुके हैं। कुल मिलाकर फलेंडी गांव में अब तक दो दर्जन के करीब लोग पिछले कई सालों में कैंसर की वजह से मर चुके हैं और तीन लोग अभी भी कैंसर की चपेट में हैं। जिनका इलाज चल रहा है। 

फलेंडी गांव के लोगों ने यह भी बताया है कि अभी तक उन्होंने किसी प्रकार की कोई सरकारी मदद नहीं ली है। स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सिविल सर्जन डॉ विशाल सिंगला ने बताया की नूंह जिले में 161 कैंसर रोगियों को समाज कल्याण विभाग की तरफ से पेंशन दी जा रही है। तकरीबन 2500 प्रति माह के हिसाब से कैंसर रोगियों को सरकार के द्वारा पेंशन दी जाती है ताकि इलाज में उनको आर्थिक रूप से राहत मिल सके। इसके अलावा हरियाणा रोडवेज कि बसों में 105 कैंसर रोगी निशुल्क सफर कर रहे हैं। कुछ लोगों ने निशुल्क पास बनवाने से इनकार कर दिया था। कुल मिलाकर स्वास्थ्य विभाग कैंसर का पता लगाने के लिए जी जान से जुट गया है। 

प्रयोगशाला से रिपोर्ट आने के बाद सभी पहलुओं पर गौर किया जाएगा, लेकिन अभी तक भी फलेंडी सहित इत्यादि कैंसर प्रभावित गांवों में साफ - सफाई एवं रास्तों में जमा पानी का कोई इंतजाम नजर नहीं आ रहा है। स्वास्थ्य विभाग पंचकुला के अधिकारी भी लगातार स्वास्थ्य विभाग नूंह के अधिकारियों के संपर्क में हैं। जल्दी ही उपरोक्त गांव में बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजकर स्वास्थ्य जांच शिविर लगाए जा सकते हैं। डिप्टी सिविल सर्जन डॉक्टर विशाल सिंगला ने कहा कि ज्यादातर रोगियों में फेफड़े या लिवर का कैंसर अधिक बताया जा रहा है और इसकी एक बड़ी वजह धूम्रपान भी हो सकता है, लेकिन बिना जांच के किसी नतीजे तक पहुंचना अभी जल्दबाजी होगा।

स्वास्थ्य विभाग इसकी जांच में पूरी तरह से जुट गया है। चार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों - कर्मचारियों की टीम बनाकर अलग - अलग स्वास्थ्य केंद्रों के अंतर्गत आने वाले कैंसर प्रभावित गांवों का सर्वे किया जा रही है। कुछ प्रकार के कैंसर का इलाज यहां पर कई विधि के द्वारा संभव है। कैंसर से होने वाले दर्द निवारण के लिए भी यहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा व्यवस्था की गई है। कुल मिलाकर मंगलवार को इस बारे में एक बड़ी बैठक जिला मुख्यालय नूंह पर उपायुक्त अखिल पिलानी लेने जा रहे हैं। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में तेजी से नूंह जिले में फैल रहे कैंसर को काबू करने के लिए किस तरह की रणनीति बनाई जाती है। इसका तो आने वाले कुछ दिनों में पता चलेगा, लेकिन फिलहाल हरियाणा के नूंह जिले में कैंसर के बढ़ते रोगी चिंता का विषय जरूर हैं।