पीएम ने कहा कि मैं राष्ट्रपति पुतिन से सार्वजनिक तौर पर कह सकता हूं कि यह युद्ध का समय नहीं है. साथ ही मैं जेंलेस्की से भी कह सकता हूं कि बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिए. पीएम ने बताया कि जब मैंने कहा कि भारत के इतने सारे लोग आपके देशों में फंसे हुए हैं, तब उन्होंने मदद की. उन्होंने कहा कि तिरंगे की ताकत इतनी थी कि एक विदेशी भी अगर अपने हाथ में हमारा झंडा पकड़ लेता था, तो उसे भी जाने दिया जाता था, इसलिए मेरा तिरंगा ही मेरी गारंटी बन गया.