USA: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को दावा किया कि भारत ने अब टैरिफ को कम करने की "प्रस्तावना" दी है लेकिन अब देर हो रही है क्योंकि उन्होंने कहा कि भारत अपना ज़्यादातर तेल और सैन्य उत्पाद रूस से और अमेरिका से बहुत कम खरीदता है। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर किए पोस्ट में कहा, "बहुत कम लोग ये समझते हैं कि हम भारत के साथ बहुत कम व्यापार करते हैं, लेकिन वे हमारे साथ बहुत ज़्यादा व्यापार करते हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि भारत अपने सबसे बड़े "ग्राहक" अमेरिका को "भारी" मात्रा में सामान बेचता है, "लेकिन हम उन्हें बहुत कम बेचते हैं और अब तक ये पूरी तरह से एकतरफ़ा रिश्ता रहा है। ये कई दशकों से चला आ रहा है।" उन्होंने कहा कि इसकी वजह ये है कि भारत ने अब तक हमसे इतने ज़्यादा टैरिफ वसूले हैं, किसी भी देश से ज़्यादा जिससे हमारे व्यवसाय भारत में सामान नहीं बेच पा रहे हैं।
ट्रंप ने कहा, "ये पूरी तरह से एकतरफ़ा आपदा रही है! इसके अलावा भारत अपना ज़्यादातर तेल और सैन्य उत्पाद रूस से खरीदता है और अमेरिका से बहुत कम। उन्होंने अब अपने टैरिफ को पूरी तरह से कम करने की पेशकश की है लेकिन अब देर हो रही है। उन्हें ऐसा सालों पहले कर देना चाहिए था। लोगों को सोचने के लिए बस कुछ साधारण तथ्य!!!"
ट्रंप की ये टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन से इतर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।
ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 25 फीसदी पारस्परिक शुल्क और रूसी तेल की खरीद पर 25 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाया है, जिससे भारत पर लगाया गया कुल शुल्क 50 फीसदी हो गया है, जो दुनिया में सबसे ज़्यादा शुल्कों में से एक है। भारत ने अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्कों को "अनुचित और अनुचित" बताया है।
भारत ने कहा कि किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था की तरह वो अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा है कि वो किसानों, पशुपालकों और लघु उद्योगों के हितों से समझौता नहीं कर सकते। उन्होंने आगाह किया कि "हम पर दबाव बढ़ सकता है, लेकिन हम इसे सहन करेंगे।"