अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। जिसे सराकर भव्य, दिव्य, अलौकिक, अकल्पीय, एतिहासिक बनाने के लिए एड़ी की चोटी का बल लगाती हुई दिख रही है। जिसके लिए तैयरियां भी किसी युद्द स्तिर से कम नहीं चल रही हैं। जिसमें देश ही नहीं बल्कि विदेश की भी तमाम दि्ग्गज हस्तियों को आमत्रिंत किया जा रहा है। राम मंदिर के इस भव्य कार्यक्रम में शामिल होने के लिए न्यौता दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम में भारी तादाद में साधूं संत भी मौजूद होंगे जो कार्यक्रम को सफल करेंगें। सरकार पूरी तरह से प्रयास रतहै कि राम लला की प्राण प्रतिष्ठा में कोई छूट न पाएं. ऐसे में विपक्ष को ये सतब कहा रास आने वाला उसे ये सारी बात नही पच नहीं पा रही है। ऐसे में एक के बाद एक किसी न किसी नेता का विवादित बयाान सामने नितलकर आ ही रहे हैं बयानबाजी की सिलसिला थमने वाला नहीं है कुछ भी।
नेता लोग अपना जहर उगलने से बाज नहीं आ रहे हैं तो इसी बीच अब बिहार में नीतीश की पार्टी जेडीयू के सांसद कौशलेंद्र कुमार ने विवादित बयान दिया है। केंद्र सरकार की अगुवाई में इस ऐतिहिसिक कार्यक्रम लोगों से देखा नहीं जा रही है। तो ऐसे में जेडीयू सांसद ने जिस अनर्गल भाषा का उपयोग किया है वो साफ तौर से जाहिर कर रहीं इन्हों तनिक भी ये राम लला का होने वाला ये कार्यक्रम पच नही रहा है। जेडीयू के सांसद कौशलेंद्र कुमार ने अपने बयान में रा मंदिर समारोह के लिए भेजे जा रहे निमंत्रण बेहद ही अटपटे सवाल खड़े कर दिए हैं।
जेडीयू सांसद ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा पर भेजे जा रहे आमंत्रण पत्र पर सवाल उठाया कि क्या किसी के बेटे का ब्याह है। या फिर यहां पर किसी के पिता जी का श्राद्ध है जिसका न्यौता दिय जा रहा है। ऐसे आमंत्रण तो तभी ही भेजे जाते हैं। यहां किसी को निमंत्रण बेजने की क्या जरूरत है। न्यौता नहीं देंगे तो क्या हम अयोध्या नहीं जाएंगे, अयोध्या कोई भी जाए वहां जाने के लिए किसीके न्यौते की जरूरत नहीं है। और वो न्यौता क्यों दे रहे हैं। किसी के बैटे का ब्याह है या फिर किसी के पिताजी का श्राद्ध है। जो सबको नता भेजा जा रही है। ये अजीब बेवकूफ आदमी है जो न्यौता दे रहा है। अयोध्या किसी एक कि नहीं है वो सबकी है। अगर वो अयोध्या को कब्जाना चाह रहे हैं तो उनकी थोड़ें ही हो जाएगा।