पश्चिम बंगाल विधानसभा ने बंगाली नव वर्ष पोइला बैसाख को राज्य दिवस के रूप में मनाने का एक प्रस्ताव गुरुवार (7 सितंबर) को पास किया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हर साल 15 अप्रैल को पोइला वैशाख (बंगाली नववर्ष) के दिन बंगाल दिवस मनाया जाएगा.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सदन में इस बात पर जोर दिया कि राज्य के राज्यपाल इस प्रस्ताव को मंजूरी दें या नहीं, इस दिन को बंगाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
पश्चिम बंगाल के 294 सदस्यीय सदन में 167 सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान करते हुए प्रस्ताव पारित किया। बीजेपी के 62 विधायक 20 जून को राज्य दिवस के रूप में मनाना चाहते हैं जिस दिन बंगाल विधानसभा ने विभाजन के पक्ष में मतदान किया था। इन विधायकों ने प्रस्ताव के खिलाफ वोट डाला। वहीं आईएसएफ के एकमात्र विधायक ने मतदान में भाग नहीं लिया।
विधानसभा में नियम 169 के तहत एक प्रस्ताव पेश किया गया, जिसमें पोइला बैसाख को ‘बांग्ला दिवस’ के रूप में मनाने और नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के 'बांग्लार माटी, बांग्लार जॅल' (बंगाल की मिट्टी, बंगाल का पानी) को राज्य गीत बनाने का प्रस्ताव किया गया है।
बनर्जी ने कहा, ‘‘मैं रवींद्रनाथ टैगोर के 'बांग्लार माटी बांग्लार जॅल' को बंगाल का आधिकारिक गीत बनाने के प्रस्ताव का समर्थन करती हूं। बंगाल के लोग 20 जून का समर्थन नहीं करते हैं। वो हिंसा और रक्तपात का पर्याय है और विभाजन को राज्य स्थापना दिवस के रूप में चिह्नित करता है।’’
बनर्जी ने पिछले सप्ताह कहा था कि केंद्र का राज्य के स्थापना दिवस के रूप में 20 जून का दिन चुनना ‘गलत’ है और इस पर फैसला विधानसभा में लिया जाएगा।