श्रीलंका ने चक्रवात ‘दित्वा’ से हुई भारी तबाही के चलते 25 जिलों में से 22 को ‘आपदा क्षेत्र’ घोषित कर दिया। वहीं, भारत ने ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत श्रीलंका को अपनी मानवीय सहायता जारी रखी है, जिसमें व्यापक हवाई, समुद्री और जमीनी अभियान चलाकर चक्रवात ‘दित्वा’ से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाई जा रही है। श्रीलंका के राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में श्रीलंका को भारत के निरंतर सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘सागर-बंधु पहल के तहत भारत की त्वरित सहायता हमारी साझेदारी की गहराई और हमारे देशों के बीच स्थायी सद्भावना को रेखांकित करती है।’
भारतीय उच्चायोग ने कहा, ‘भारतीय बचाव टीम ने कई जिलों में बड़े पैमाने पर जीवन रक्षक निकासी अभियान जारी रखा है, तथा दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों से असुरक्षित निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।’ पुट्टलम में, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कर्मियों ने गर्भवती माताओं, तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता वाले लोगों समेत संकटग्रस्त व्यक्तियों को बचाया और अभियान के दौरान 800 फंसे हुए लोगों को आवश्यक राहत सामग्री पहुंचाई।
भारतीय उच्चायोग ने कहा, ‘मध्य क्षेत्र में भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने महत्वपूर्ण मिशन को अंजाम दिया। हवाई मार्ग से 5.5 टन से अधिक राहत सामग्री पहुंचाई गई और उन स्थानों से बेहद जोखिम वाले निकासी अभियान चलाए, जहां उतरना असंभव था।’ कोटमाले में महिलाओं और बच्चों सहित 24 लोगों को सुरक्षित कोलंबो पहुंचाया गया।
मंगलवार को, भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने आठ टन से ज्यादा राहत सामग्री पहुंचाई और बच्चों, गर्भवती महिलाओं व गंभीर रूप से बीमार लोगों सहित 65 फंसे हुए लोगों को निकाला। मंगलवार को निकाले गए लोगों में जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के नागरिक भी शामिल थे। भारत ने पिछले महीने ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ शुरू किया था, जो मानवीय सहायता और आपदा राहत पहल है। इसका उद्देश्य चक्रवात ‘दित्वा’ से हुई तबाही से उबरने में श्रीलंका की मदद करना है।