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पीटीआई के वरिष्ठ पत्रकार वाल्टर अल्फ्रेड का 103 साल की उम्र में निधन

अपने समय के कई ऐतिहासिक घटनाओं को कवर करने वाले प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के पूर्व पत्रकार वाल्टर अल्फ्रेड का बुधवार को मुंबई में निधन हो गया। उनके परिवार ने ये जानकारी दी। 

वाल्टर अल्फ्रेड की बेटी अनीता ने पीटीआई वीडियो को बताया कि वे इस महीने के आखिर में अपना 103वां जन्मदिन मनाने वाले थे।

अल्फ्रेड, मिलने वाले किसी भी व्यक्ति को विश्व नेताओं के साथ अपनी बैठकों, पाकिस्तान में गिरफ्तारी का सामना करने और युद्धों को कवर करने के किस्सों के बारे में बताते थे।

वे पिछले कई साल से मीरा रोड के सृष्टि कॉम्प्लेक्स में रह रहे थे। उन्होंने पीटीआई संवाददाता के रूप में दुनिया भर की यात्रा की। वे 20वीं सदी के कुछ सबसे ऐतिहासिक पलों के गवाह रहे थे।

भारत की आजादी और इंदिरा गांधी के आपातकाल के दिनों को कवर करने से लेकर, भारत-पाकिस्तान और वियतनाम युद्धों पर रिपोर्टिंग करने तक, जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तानी जनरल अयूब खान से लेकर पूर्व इंडोनेशियाई प्रधानमंत्री सुकर्णो तक के नेताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने तक, उन्होंने ये सब देखा था।

मैंगलोर में जन्मे और पले-बढ़े अल्फ्रेड को बहुत कम उम्र से ही समाचारों को पढ़ने और जानने का शौक था।

उन्होंने अंडर-ग्रेजुएट कोर्स करने के लिए मैंगलोर के तत्कालीन सरकारी कॉलेज में इतिहास का अध्ययन किया। उसके बाद वे मुंबई के खालसा कॉलेज चले गए।

1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध शुरू होने के तीन दिन बाद, अल्फ्रेड को जासूसी के आरोप में रावलपिंडी में एक महीने के लिए जेल में डाल दिया गया था।

पीटीआई के दक्षिण पूर्व एशिया संवाददाता के रूप में उन्होंने कार्यभार को संभाला। जिसके बाद उन्होंने कुआलालंपुर, मलेशिया और सिंगापुर में काम किया। 

60 साल तक काम करने के बाद, अल्फ्रेड 1980 में रिटायर्ड हो गए, लेकिन पत्रकारिता के प्रति अपने जुनून को छोड़ना उनके लिए बेहद कठिन था। पत्रकारिती छोड़ने के बाद उन्होंने भारतीय जनसंचार संस्थान में छात्रों पत्रकारिता के विषय को पढ़ाया।

वे 1997 में वापस मुंबई आ गए और कई साल तक इंडोनेशियाई और मलेशियाई अखबार के लिए लिखते रहे।