हिमालय पर्वत की गोद में बसें कैलाश की खबसूरती का दीदार करना अब आसान हो गया है आप अपने अराध्य शिव के दर्शन यहीं से कर सकेंगे। कैलाश की यात्रा को तय करना हर किसी के लिए इतना आसान नहीं था। लेकिन अब भक्त और भगवान के बीच की दूरी खत्म हो गई है। हजारो किलो मीटर के फासले खत्म हो गए हैं। पहल तीर्थ यात्रियों को कैलाशसे गुजरना पड़ता था यदि किसी को भगवान शिव जहां वे सदा विदयमान रहते हैं। वहां तक पहुंचने के लिए चीन गुजरना पड़ता था लेकिन अब ऐसा नहीं रहा अब कोई भी श्रध्दालु भारत के पिथौड़गढ़ से ही कैलाश सकेगा। हिमालय पर्वत की गोद में बसें कैलास की खबसूरती का दीदार करना अब आसान हो गया है आप अपने अराध्य शिव के दर्शन यहीं से कर सकेंगे। कैलाश की यात्रा को तय करना हर किसी के लिए इतना आसान नहीं था। लेकिन अब स क्त और भगवान के बीच की दूरी खत्म हो गई है। हजारो किलो मीटर के फासले खत्म हो गए हैं। पहल तीर्थ यात्रियों को कैलास से गुजरना पड़ता था यदि किसी को भगवान शिव जहां वे सदा विदयमान रहते हैं। वहां तक पहुंचने के लिए चीन का सामना करन पड़ता था लेकिन अब ऐसा नहीं रहा अब कोई भी श्रध्दालु भारत के पिथौड़गढ़ से ही कैलाश के सीधे दर्शन कर सकेगा।