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पूर्वोत्तर के विकास को मिलेगी रफ्तार

उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय ने 15वें वित्त आयोग की बची अवधि (2022-2026) के दौरान कैबिनेट से मंजूरी प्राप्त योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये नये योजना दिशानिर्देश जारी किये।

यह केंद्रीय वित्त पोषण के लिए आठ उत्तर पूर्वी राज्यों द्वारा किए गए कई विकास प्रस्तावों को संसाधित करने के लिए मंच तैयार करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। मंत्रालय के अनुसार योजनाओं के पुनर्गठन के लिए दिशानिर्देशों में बदलाव की आवश्यकता थी जो अब प्रभावी हो गया है।

नई जारी की गई विस्तृत योजनाओं के दिशानिर्देश, मंत्रालय के ठोस प्रयासों और पूर्वोत्तर राज्यों के समर्थन के साथ, पारदर्शी और त्वरित तरीके से विकास के उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद करेंगे। 

वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक 8139.50 करोड़ रूपये की मंजूरी प्राप्त पूर्वोत्तर विशेष अवसंरचना विकास योजना को (NESIDS) आगे बढाया जा रहा है. कैबिनेट से मंजूरी प्राप्त इस योजना में दो घटक (NESIDS)- सड़क और NESIDS- सड़क अवसंरचना से अलग (OTRI) शामिल है. यह 100 प्रतिशत वित्तपोषण के साथ केन्द्रीय क्षेत्र की योजना है। पूर्ववर्ती पूर्वोत्तर सड़क क्षेत्र विकास योजना NERSDS का NESIDS - सड़क घटक में विलय करने सहित सरकार के अन्य फैसलों को देखते हुये पुनर्गठित एनईएसआईडीएस को 15वें वित्त आयोग की शेष अवधि के दौरान अमल में लाने और उसकी व्यवस्था के लिये नये दिशानिर्देश तैयार करना जरूरी हो गया था।

यही वजह है कि एनईएसआईडीएस के दोनों घटकों की योजनाओं को अमल में लाने और उनका प्रबंध देखने के लिये नये तैयार दिशानिर्देश अब जारी कर दिये गये हैं। इन्हें जारी करने से पहले हितधारकों के साथ और आंतरिक तौर पर विस्तृत विचार विमर्श किया गया। एनईएसआईडीएस का उद्देश्य पूर्वोत्तर राज्यों में परिवहन संपर्क स्थापित करने सहित पहचान वाले क्षेत्रों में अवसंरचना विकास को समर्थन देना है। 

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भी 2022-23 से 2025-26 की अवधि के लिये 3,202.7 करोड़ रूपए की कुल योजना के साथ ‘एनईसी योजनाओं’ को जारी रखने को मंजूरी दी है। ‘‘एनईसी योजनाओं’’ के लिये भी विस्तृत चर्चा और विचार विमर्श के बाद नये दिशानिर्देश जारी कर दिये गये हैं।

उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय की उपरोक्त योजनाओं का उद्देश्य एक तरफ जहां विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों और विभागों के प्रयासों को पूरा करना है वहीं दूसरी तरफ पूर्वोत्तर राज्यों में महसूस की जा रही ऐसी विकास/कल्याणकारी गतिविधियों को पूरा करना है जो कि केन्द्रीय योजनाओं के दायरे में नहीं हैं। उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय की योजनायें पूर्वोत्तर क्षेत्र के आठ राज्यों की उनकी जरूरतों के मुताबिक शुरू की गई योजनाओं को पूरा करने में मदद करना है। उदाहरण के तौर पर इनमें कनेक्टिविटी संबंधी अवसंरचना विकास योजनाओं और सामाजिक क्षेत्र की कमियों को दूर करने और आजीविका और रोजगार के अवसर बढ़ाने जैसी योजनाओं को बढ़ावा  दिया जाता है।

योजनाओं को लेकर नये जारी किये गये विस्तृत दिशानिर्देशों के साथ ही मंत्रालय द्वारा किये जाने वाले प्रयासों और पूर्वोत्तर राज्यों के अनुकूल समर्थन से क्षेत्र में वांछित उद्देश्यों को पारदर्शी और त्वरित गति से हासिल करने में सहायता मिलेगी।