लोकल फ़ॉर वोकल' और 'आत्मनिर्भर भारत' के मंत्र को अपनाते हुए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय तथा खादी व ग्रामोद्योग आयोग ने तीन अलग-अलग समझौतों पर हस्ताक्षर करते हुए स्वतंत्र भारत के अमृतकाल में 'नए भारत की आधुनिक खादी' की आधारशिला रखी ।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार की उपस्थिति में प्रसार भारती, एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड और डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन के साथ इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए । जिसका उद्देश्य खादी और ग्रामोद्योग आयोग को आधुनिक तथा युवाओं के बीच अपने उत्पादों को लोकप्रिय बनाने के लिए एक रोडमैप तैयार करना है। इस मौके पर कुमार ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत लाभार्थियों को 150 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी वितरित की ।
केवीआईसी के अध्यक्ष ने आगे कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जिस खादी को स्वदेशी आंदोलन का प्रमुख हथियार बनाया था, उसी खादी का पिछले 9 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शानदार ढंग से गरीबी उन्मूलन, कारीगर सशक्तिकरण, खाद्य सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण, बेरोजगारी उन्मूलन के लिए सबसे शक्तिशाली व सफल हथियार बनाया है। पिछले वित्तीय वर्ष में इतिहास रचते हुए खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों का व्यापार 1.34 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया, जबकि 9.54 लाख नई नौकरियों का सृजन हुआ ।