हिन्दू धर्म में हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव की पूजा की जाती है, लेकिन मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का खास महत्व होता है, क्योंकि इस दिन भगवान काल भैरव का अवतरण हुआ था. धार्मिक ग्रंथों में काल भैरव भगवान को शिव जी का रौद्र स्वरूप बताया गया है. इन्हें काशी का कोतवाल भी माना जाता है. बाबा भैरव दयालु, कल्याण करने वाले और शीघ्र ही प्रसन्न होने वाले देव माने जाते हैं.
पंचांग के मुताबिक, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 4 दिसंबर 2023 दिन सोमवार रात 9 बजकर 59 मिनट पर शुरू हो चुकी है. इसका समापन 6 दिसंबर 2023 दिन बुधवार को रात में 12 बजकर 37 मिनट पर होगा. हिंदू धर्म में किसी भी व्रत, पूजा एवं अनुष्ठान के लिए उदया तिथि को सबसे उत्तम माना जाता है. इसलिए उदया तिथि के मुताबिक, बाबा काल भैरव की जयंती 5 दिसंबर 2023 दिन मंगलवार को मनाई जाएगी.