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सहमति के खिलाफ जबरन संबंध बनाए पति तो पत्नी को तलाक लेने का अधिकार

केरल हाई कोर्ट ने एक बड़ा फैसला किया है, कोर्ट ने साफ किया है कि पत्नी की मर्जी के बिना उसे यौन विकृति के अधीन करना मानसिक और शारीरिक क्रूरता के बराबर है. ऐसे में पत्नी को अपने पति से तलाक का अधिकार है. कोर्ट ने कहा कि यौन विकृति पर लोगों की धारणाएं अलग-अलग हैं, अगर वयस्क अपनी मर्जी से सहमति के साथ यौन कृत्यों में शामिल होते हैं तो कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा.

दरअसल कोर्ट में पत्नी द्वारा पति के खिलाफ क्रूरता का आरोप लगाते हुए दो याचिकाएं दायर की गई थी. इन याचिकाओं पर न्यायमूर्ति अमित रावल और सीएस सुधा की खंडपीठ ने सुनवाई की. इस दौरान पीठ ने कहा कि हर शख्स अलग अलग तरीके से यौन विकृत कृत्यों को परिभाषित कर सकते हैं, लेकिन अगर यौन संबंधों में दूसरे शख्स की मर्जी नहीं है बावजूद उसका पार्टनर यौन संबंध बनाना जारी रखता है तो इसे क्रूरता कहा जाएगा.