हनुमान फिल्म के निर्देशक प्रशांत वर्मा खुद को आर्टिस्टिक इंजीनियर कहते हैं. टीवी9 हिंदी डिजिटल के साथ की खास बातचीत में प्रशांत ने कहा कि मैंने ये बिल्कुल भी नहीं सोचा था कि मैं फिल्म इंडस्ट्री में अपना करियर बनाऊंगा. मैं पूरे ध्यान से अपनी पढाई करता था. लेकिन मेरे फ्रेंड को म्यूजिक में दिलचस्पी थी. उसे थोड़ा फेमस भी होना था. तब उसने मुझे बोला कि हम म्यूजिक वीडियो बनाते हैं. हमारे पास पैसे नहीं थे. उस दौरान मैंने शूटिंग, एडिटिंग सीखना शुरू किया. हमने जो भी बनाया वो वायरल हो गया. जैसे डिमांड बढ़ने लगी वैसे मैं भी फिल्ममेकिंग की प्रोसेस एन्जॉय करता गया.
प्रशांत वर्मा ने आगे कहा कि ये बदलाव इतना नैचुरली हुआ कि मेरे पेरेंट्स को अब भी विश्वास नहीं हो रहा है कि मैं फिल्में बनाने लगा हूं. प्रशांत कहते हैं, “मैं खुद को आर्टिस्टिक इंजीनियर कहता हूं. जब मैंने तय कर लिया कि मुझे फिल्ममेकर बनना है, तब सबसे पहले मैंने वीएफएक्स की ट्रेनिंग ली. मुझे शुरुआत में लगता था कि वीएफएक्स की वजह से ही मेरी फिल्में चलती हैं. स्टोरी पर मैं खास ध्यान नहीं देता था. लेकिन एक-दो फिल्मों के बाद मुझे ये एहसास हुआ कि एक फिल्म के लिए कहानी कितनी जरूरी होती है. तब मैंने सोचा कि एक बहुत अच्छी कहानी लिखते हैं और अच्छे वीएफएक्स हमें ये कहानी बताने में मदद करेंगे