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केंद्र सरकार ने 39,125 करोड़ रुपये के रक्षा खरीद सौदे को दी मंजूरी, भारतीय सशस्त्र बलों को मिलेगी मजबूती

New Delhi: भारत ने सशस्त्र बलों की लड़ाकू क्षमता को मजबूत करने की दिशा में शुक्रवार को 39,125 करोड़ रुपये के पांच प्रमुख रक्षा अधिग्रहण समझौतों पर साइन किए। इन समझौतों में मिग-29 जेट के लिए ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों, रडार, हथियार प्रणालियों और हवाई-इंजन की खरीद भी शामिल है। 

पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत के काफी समय से चल रहे सीमा विवाद के बीच ये खरीद समझौते किए गए हैं। इन्हें घरेलू डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की नीति के व्यापक ढांचे के तहत लागू किया जाएगा। 

ब्रह्मोस मिसाइलों की खरीद के लिए दो अलग-अलग सौदे किए गए हैं। पहला, 19,518.65 करोड़ रुपये की लागत से ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (बीएपीएल) से ब्रह्मोस मिसाइलों की खरीद के लिए है।

वहीं दूसरा 988 करोड़ रुपये की लागत से बीएपीएल से शिप-बॉर्न ब्रह्मोस प्रणाली की खरीद के लिए है। मिग-29 विमानों के लिए आरडी-33 एयरो इंजन की खरीद के सौदे पर सरकारी एयरोस्पेस दिग्गज हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ करार हुआ। इस परियोजना की लागत 5,249.72 करोड़ रुपये होगी।

रक्षा मंत्रालय ने क्लोज-इन वेपन सिस्टम (सीआईडब्ल्यूएस) के एक बैच की खरीद के लिए लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड के साथ समझौता किया। 5,700 करोड़ रुपये की लागत से लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड के साथ हाई-पावर रडार सिस्टम की खरीद के कॉन्ट्रैक्ट पर भी साइन किए गए हैं।