फिल्म बनाने का एक मकसद होता है. बिना मकसद के फिल्म का मतलब नहीं. लेकिन फिर भी वो कला की श्रेणी में ही आएगी. आमतौर पर कुछ कहानियां होती हैं जिसपर फिल्म बनाई जाती है. कुछ किस्से या सत्य घटनाएं होती हैं जिनपर फिल्में बनाई जाती हैं. या तो कुछ कहानियां ही बना दी जाती हैं ताकि फिल्म बनाई जा सके. यहां मामला ऐसा ही कुछ है. यहां एक कहानी को सफल बनाने के लिए उसमें इतने ज्यादा ट्विस्ट और टर्न्स शामिल कर लिए गए हैं कि माथा चकरा जाएगा. और ऐसा एंगल निकाल कर लाया गया है जो इंसान की कल्पना से भी दूर हो. लेकिन इत्तेफाक यहां पर ये हुआ है कि कहानी इंटरेस्टिंग बन गई है तो फिल्म वन टाइम वाच तो है.