हार्ट फेल (Heart Failure) और हार्ट अटैक (Heart Attack) दोनों गंभीर हृदय संबंधित स्थितियां हैं, लेकिन ये एक दूसरे से अलग हैं और इनके लक्षण, कारण और उपचार भी विभिन्न होते हैं। अक्सर लोग इन दोनों शब्दों को एक जैसे समझते हैं, लेकिन इनमें महत्वपूर्ण अंतर है। आइए जानते हैं इन दोनों के बीच का अंतर और इनके बारे में विस्तार से।
1. हार्ट अटैक (Heart Attack) क्या है?
हार्ट अटैक को मायोकार्डियल इन्फार्क्शन (Myocardial Infarction) भी कहा जाता है। यह उस स्थिति को दर्शाता है जब दिल की एक या अधिक धमनियां (coronary arteries) अचानक अवरुद्ध (block) हो जाती हैं। इसके परिणामस्वरूप दिल को आवश्यक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति रुक जाती है, जिससे दिल की मांसपेशियों (heart muscles) को नुकसान होता है। हार्ट अटैक एक तात्कालिक आपातकालीन स्थिति है, जिसमें तुरंत चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है।
हार्ट अटैक के कारण:
धमनियों में प्लाक का जमाव (Atherosclerosis), जो कोलेस्ट्रॉल और अन्य तत्वों से बनता है।
खून का थक्का (Blood Clot), जो किसी धमनी में अवरोध पैदा करता है।
लाइफस्टाइल (अधिक तला-भुना खाना, धूम्रपान, शराब, उच्च रक्तचाप)।
आनुवंशिक कारक (Genetic factors) और मानसिक तनाव (Stress)।
हार्ट अटैक के लक्षण:
छाती में अचानक और तीव्र दर्द (Chest pain), जो कुछ मिनटों तक रहता है।
बाएं हाथ, गर्दन, जबड़े या पीठ में दर्द का फैलाव।
सांस लेने में कठिनाई (Shortness of breath)।
चक्कर आना और भारी पसीना आना।
उल्टी या मिचली आना।
हार्ट अटैक की चिकित्सा स्थिति को त्वरित उपचार से ठीक किया जा सकता है, जैसे की एंजियोप्लास्टी (angioplasty), बाईपास सर्जरी (bypass surgery) या दवाओं का सेवन।
2. हार्ट फेल (Heart Failure) क्या है?
हार्ट फेल एक स्थिति है जिसमें दिल अपनी सामान्य कार्यप्रणाली (function) को ठीक से नहीं कर पाता। इसका मतलब यह नहीं कि दिल अचानक बंद हो जाता है, बल्कि इसका अर्थ है कि दिल अब अपने शरीर के अन्य हिस्सों को रक्त सही तरीके से पंप नहीं कर पाता। हार्ट फेल आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होता है और इसमें दिल की क्षमता धीरे-धीरे घटने लगती है। यह समस्या तब होती है जब दिल की मांसपेशियों को कोई पुराना नुकसान हुआ हो, जैसे की हार्ट अटैक, उच्च रक्तचाप, या अन्य हृदय रोग।
हार्ट फेल के कारण:
उच्च रक्तचाप (Hypertension), जो दिल पर दबाव डालता है।
दिल की मांसपेशियों में कमजोरियां (Dilated or hypertrophic cardiomyopathy)।
वृद्धावस्था और मधुमेह (Diabetes) जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्याएं।
दिल की वाल्वस की समस्याएं, जिससे रक्त की सही धारा नहीं हो पाती।
हार्ट फेल के लक्षण:
सांस फूलना (Shortness of breath), खासकर जब आप लेटते हैं या शारीरिक मेहनत करते हैं।
पैरों, टखनों या पेट में सूजन (Swelling in the legs, ankles, or abdomen)।
थकान और कमजोरी (Fatigue and weakness)।
वजन में तेजी से वृद्धि (Weight gain)।
लगातार खांसी या घबराहट (Persistent cough or wheezing)
हार्ट फेल एक दीर्घकालिक स्थिति है, जिसमें इलाज और जीवनशैली में बदलाव के जरिए स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है। इलाज में दवाएं, वजन घटाने, स्मोकिंग और शराब से बचाव, और नियमित शारीरिक व्यायाम शामिल होते हैं।
हार्ट अटैक और हार्ट फेल दोनों गंभीर हृदय समस्याएं हैं, लेकिन इनके कारण, लक्षण और इलाज के तरीके अलग हैं। जहां हार्ट अटैक एक तात्कालिक आपातकालीन स्थिति है, वहीं हार्ट फेल एक दीर्घकालिक समस्या है, जो समय के साथ विकसित होती है। यदि आप या आपके परिवार में किसी को दिल से संबंधित समस्या हो, तो यह जरूरी है कि आप नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं और जीवनशैली में सुधार करें ताकि इन समस्याओं से बचा जा सके।