हिंदी सिनेमा को कई यादगार फिल्में देने वाले चर्चित निर्देशक पार्थो घोष का निधन हो गया। 75 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया तो अलविदा कह दिया। दिल का दौरा पड़ने से पार्थो घोष की जान गई। 9 जून, सोमवार की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। 1990 और 2000 के दशक में उन्होंने दर्शकों को सस्पेंस, भावनाओं और सामाजिक संदेशों से भरपूर कहानियां दीं। वे खासतौर पर अपनी सुपरहिट फिल्मों ‘100 डेज’ और ‘अग्नि साक्षी’ के लिए जाने जाते हैं। एक्ट्रेस ऋतुपर्णा सेनगुप्ता ने उनके निधन की जानकारी साझा की है। उन्होंने कहा कि पार्थों के निधन से उनका दिल टूट गया है।
8 जून 1949 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में जन्मे पार्थो घोष का बचपन कला, साहित्य और संगीत के बीच गुजरा। जन्मदिन के ठीक एक दिन बाद ही उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। बीते दिन अपना जन्मदिन मनाने के बाद आज सुबह उन्होंने दुनिया से विदाई ली। फिल्मों के प्रति उनका लगाव उन्हें मुंबई ले आया। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 1985 में बंगाली सिनेमा में एक सहायक निर्देशक के रूप में की थी। इसके बाद उन्होंने हिंदी फिल्मों की ओर रुख किया और निर्देशन की बागडोर संभाली।
‘100 डेज’ से मिली असली पहचान
पार्थो घोष को पहली बार बड़ी पहचान मिली साल 1991 में आई ‘100 डेज’ से। माधुरी दीक्षित और जैकी श्रॉफ अभिनीत इस सस्पेंस-थ्रिलर फिल्म को दर्शकों और समीक्षकों ने ख़ूब सराहा। यह फिल्म तमिल फिल्म ‘नूरवथु नाल’ का हिंदी रीमेक थी। इस फिल्म की सफलता ने उन्हें बॉलीवुड में मजबूत जगह दिलाई। इसके बाद उन्होंने 1992 में दिव्या भारती और अविनाश वधावन को लेकर ‘गीत’ बनाई। लेकिन उनके करियर का बड़ा मोड़ 1993 में आया जब उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती और आयशा जुल्का के साथ ‘दलाल’ बनाई, जो बॉक्स ऑफिस पर बड़ी हिट साबित हुई।