तालकटोरा स्टेडियम में शुक्रवार को 98 वां मराठी साहित्य महोत्सव शुरू हुआ। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इस सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन किया गया।
राष्ट्रीय राजधानी में 98 वां अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन 71 वर्षों के अंतराल के बाद आयोजित किया जा रहा है और इसे ऐसे समय में आयोजित किया जा रहा है जब एक साल पहले केंद्र सरकार ने मराठी को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता दी थी।
इस महोत्सव का इतिहास करीब 150 वर्ष पुराना है और इसमें शिरकत करने के लिए पूरे महाराष्ट्र के लगभग तीन हजार से अधिक लेखक, कवि एवं साहित्यप्रेमी यहां पहुंचे हैं। यह सम्मेलन पहली बार 1878 में आयोजित किया गया था, जिसके अध्यक्ष प्रसिद्ध विद्वान और समाज सुधारक महादेव गोविंद रानाडे थे।
ये सम्मेलन 1926 से लगभग हर साल आयोजित किया जाता रहा है और इसमें विद्वान, समीक्षक तथा साहित्यकार विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए एकत्रित होते हैं। मराठी लोक साहित्य, संस्कृति, परंपराओं की सुप्रसिद्ध विशेषज्ञ और रंगमंच कलाकार तारा भवालकर इस सम्मेलन की अध्यक्ष हैं।
दिल्ली में आखिरी बार 1954 में कोशकार तर्कतीर्थ लक्ष्मणशास्त्री जोशी की अध्यक्षता में यह सम्मेलन आयोजित किया गया था और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इसका उद्घाटन किया था।