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लोकसभा एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट से सहमत, महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द

TMC सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द हो गई है. गुरूवार को लोकसभा में कैश-फॉर क्वैरी मामले में एथिक्स कमेटी ने रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट पर हुई चर्चा के बाद हुई वोटिंग में यह मंजूर हो गई. एथिक्स कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा के खिलाफ आरोपों को गंभीर बताया था, और कार्रवाई की मांग की थी. साथ ही संसद सदस्यता समाप्त करने की मांग की थी. रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान टीएमसी, कांग्रेस और अन्य विपक्षी सासंदों ने मोइत्रा को बोलने देने की मांग की थी. हालांकि, बीजेपी सांसद ने इस मांग का विरोध किया और स्पीकर भी इस मांग पर सहमत नहीं हुए. 

दरअसल, महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप लगे थे. साथ ही महुआ मोइत्रा पर अपने दोस्त हीरानंदानी को संसद की लॉगइन आईडी और पासवर्ड देने का भी आरोप लगाया था. एथिक्स कमेटी ने इन आरोपों को सही बताया. 

महुआ को बोलेन का मौका मिले- टीएमसी
टीएमसी ने मांग की थी कि महुआ को सदन में बोलने का मौका मिलना चाहिए. टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, फेयर ट्रायल होना चाहिए. निष्कासन से पहले महुआ को बोलने का मौका मिलना चाहिए. उन्हें सुने बिना निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है. उन्होंने कहा, ये संवैधानिक उल्लंघन है. हीरानंदानी से पूछताछ नहीं की गई. 

पहले चार दिसंबर को पेश होनी थी रिपोर्ट
बता दें कि यह रिपोर्ट पहले चार दिसंबर के निचले सदन के एजेंडे में सूचीबद्ध थी लेकिन इसे पेश नहीं किया गया. कई विपक्षी सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया है कि मोइत्रा पर निर्णय लेने से पहले सिफारिशों पर चर्चा होनी चाहिए. बसपा सांसद दानिश अली ने गुरुवार को कहा था कि अगर रिपोर्ट पेश की जाती है, तो पूर्ण चर्चा पर जोर दिया जाएगा, क्योंकि मसौदा ढाई मिनट में अपनाया गया था. विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने 9 नवबंर को एक बैठक में कैश-फॉर क्वैरी आरोप पर मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश करते हुए अपनी रिपोर्ट अपनाई थी.