लखनऊ: कोर्ट ने 2012 में दो लोगों की हत्या के मामले में आरोपित गब्बर को बुधवार को मौत की सजा सुनाई। एकतरफा प्यार में सनकी आरोपित गब्बर उर्फ सोहराब अली ने नौ अक्टूबर 2012 निरालानगर में रामकृष्ण मिशन मठ मार्ग पर उर्वशी और उसके दोस्त ओमप्रकाश को चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी। गब्बर उर्फ सोहराब को महिला से एकतरफा प्यार था।
बुधवार को अपर जिला जज वी. एस. त्रिपाठी ने साक्ष्यों के आधार पर महिला और उसके पति के दोस्त की हत्या करने के लिए गब्बर उर्फ सोहराब अली को मौत की सजा सुनाई। इसके अलावा 5,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने माना था कि जिस तरह से अली ने दोनों की नृशंस हत्याएं की। वो जघन्य अपराध में आता है। अली को जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश किया गया था।
अदालत ने चार सितंबर को उसे दो हत्याओं के लिए दोषी ठहराया था और बुधवार को सजा सुनाई गई। इस मामले में 2012 में मृतका उर्वशी के पति हरि प्रकाश तिवारी ने हसनगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।
सरकारी एडवोकेट के. के. साहू और दुष्यंत मिश्रा ने अली के लिए मौत की सजा की मांग करते हुए दलील दी थी कि हत्याओं का तरीका वीभत्स था और हत्याओं को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया था।