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Dehradun: कन्या गुरूकुल के कर्मचारियों ने किया 52 लाख रूपये का घोटाला, नोटिस भेज मांगा जवाब

कन्या गुरुकुल परिसर देहरादून पर 12 सालों में शिक्षकों और कर्मचारियों के भविष्य निधि (पीएफ) के करीब 52 लाख रुपये से अधिक की रकम का घोटाला करने का आरोप लगा है। आरोप है कि कन्या गुरुकुल की ओर से साल 2010 के बाद लगभग 31 शिक्षकों व कर्मचारियों के पीएफ का अंशदान जमा नहीं किया गया।

अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने गुरुकुल प्रशासन को नोटिस भेज जवाब मांगा है। ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त विश्वजीत सागर ने बताया, शुरुआती जांच में पता चला है कि साल 2010 के सितंबर से मार्च 2023 तक कन्या गुरुकुल परिसर की ओर से करीब 31 शिक्षकों और कर्मचारियों का 52 लाख 27 हजार रुपये पीएफ का हिस्सा जमा नहीं किया गया। यह ईपीएफओ के कानूनों के खिलाफ है। गुरुकुल प्रशासन को नोटिस भेज जवाब मांगा गया है। जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

सागर ने कहा, कर्मचारियों का हक मारने वाली कंपनियां व संस्थाएं उनकी राडार पर हैं। अगर किसी कर्मचारी को लगता है, कंपनी या ठेकेदार उनका पीएफ जमा नहीं कर रहा है तो वे शिकायत कर सकते हैं। तत्काल इसका समाधान किया जाएगा।

कंपनी और कर्मचारी को देना होता है पीएफ
ईपीएफओ के तहत कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट खोले जाते हैं। इस अकाउंट के तहत नियोक्ता यानी कंपनी और कर्मचारी दोनों को अपना-अपना हिस्सा (कंट्रीब्यूशन) देना होता है। ऐसे में अगर कंपनी या कर्मचारी इस अकाउंट में योगदान नहीं देता है या फिर देरी करता है तो कुछ शर्त के तहत उन्हें जुर्माना देना पड़ सकता है। ईपीएफओ के नियम के मुताबिक, नियोक्ता और कर्मचारी की ओर से पीएफ खाते में हर महीने बेसिक सैलरी और डीए का 12-12 प्रतिशत पैसा जमा कराया जाता है। नियोक्ता की 12 प्रतिशत हिस्सेदारी में 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन स्कीम (ईपीएस) में जमा होता है और बाकी का 3.67 प्रतिशत पीएफ खाते में जाता है।

कर्मचारियों और शिक्षकों के पीएफ को लेकर बीते कुछ समय पहले भी चर्चा चल रही थी। कन्या गुरुकुल को सरकारी सब्सिडी नहीं मिलती। रही बात पीएफ की तो 22 कर्मचारियों पर पीएफ कटता है। संस्था में वर्तमान में सिर्फ 19 कर्मचारी हैं। मैंने साल 2016 में कार्यभार संभाला था। इससे पहले क्या हुआ मुझे उसकी जानकारी नहीं है। कर्मचारियों के हक को ध्यान में रखते हुए कन्या गुरुकुल परिसर देहरादून को मैंने विवि में समायोजित करने के लिए पत्र लिखा है। -डॉ. दीनानाथ शर्मा, मुख्याधिष्ठाता गुरुकुल कांगड़ी विद्यालय विभाग