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रोहित-कोहली को दिखाना होगा बल्ले से करिश्मा, लगातार फेल होने पर उठ रहे सवाल

रोहित शर्मा और विराट कोहली की गति और स्पिन दोनों के खिलाफ कभी न खत्म होने वाली तकनीकी दिक्कतों ने खतरे की घंटी बजा दी है। एडीलेड में गुलाबी गेंद के टेस्ट में रोहित ने मध्य क्रम में बल्लेबाजी करते हुए तीन और छह रन बनाए थे। प्रशंसकों और पूर्व खिलाड़ियों ने नरम रुख के लिए उनकी आलोचना की थी। भारत ने ढाई दिन में मैच 10 विकेट से गंवा दिया।

ऑस्ट्रेलिया में पांच टेस्ट मैच की सीरीज से पहले खराब फॉर्म से जूझ रहे विराट कोहली पर्थ में 18 महीनों में अपना पहला शतक लगाने में सफल रहे। हालांकि ये स्टार बल्लेबाज दूसरे टेस्ट में असफल रहा और दो पारियों में सात और 11 रन ही बना पाया

रोहित के लिए चीजें लगातार मुश्किल होती जा रही हैं क्योंकि अब वो अपने कप्तानी के आखिरी चार टेस्ट हार चुके हैं। अपने पिछले छह टेस्ट मैचों में, उन्होंने बेंगलुरू में 12 पारियों में सिर्फ एक अर्धशतक के साथ बल्लेबाजी की है। 

एकमात्र दूसरी पारी जहां उन्होंने 20 रन का आंकड़ा पार किया वो बांग्लादेश के खिलाफ कानपुर में 11 गेंदों में 23 रन की पारी थी। अब रिफ्लेक्सिस धीमी होने के साथ और जिस तरह से टिम साउदी और पैट कमिंस जैसे खिलाड़ियों ने उन्हें चौका दिया है, ये इस बात का संकेत है कि उनकी प्रतिक्रिया का समय एक सेकंड के अंतराल पर धीमा है।

रोहित और विराट कोहली के रुख की तुलना करें तो भारतीय कप्तान थोड़े ‘ओपन स्टांस’ के साथ बल्लेबाजी करते है। ऐसे में अगले पैर को ज्यादा आगे नहीं ले जाया सकता है। विराट अपने कदमों को काफी आगे निकलने में सफल रहते हैं। अगर भारत को बाकी सीरीज कडी टक्कर देनी हो तो दोनों दिग्गजों के बल्ले से रन बनने बहुत जरूरी हैं वरना टीम के लिए बहुत देर हो जाएगी।