आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 8 साल के अंतराल के बाद लौटने के लिए तैयार है क्योंकि गत चैंपियन, पाकिस्तान 1996 के बाद से अपने पहले आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी 19 फरवरी से शुरू कर रहा है। चैंपियंस ट्रॉफी में 15 मैच खेले जाएंगे, जिसमें भारत के मैच दुबई में होंगे।
भारत ने पहली बार 1998 में चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा लिया था। 2017 तक भारत 8 बार चैंपियंस ट्रॉफी में भाग ले चुका है। 8 बार में से भारत चार बार फाइनल में पहुंचा है लेकिन खिताब दो ही बार जीत पाया है। भारत ने आखिरी बार चैपियंस ट्रॉफी 2013 में धोनी की कप्तानी में जीती थी जबकि 2017 में भारत रनर अप रहा था। इस बार जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी टीम इंडिया के लिए चिंता का सबब हो सकती है लेकिन मोहम्मद शमी की वापसी से भारतीय टीम का आत्मविश्वास काफी ऊंचा है।
चैंपियंस ट्रॉफी का मेजबान पाकिस्तान अपने घरेलू फैंस के सामने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के खिताब की रक्षा के इरादे से मैदान पर उतरेगा। ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज जीतने से पाकिस्तान के खिलाड़ी जबरदस्त फॉर्म में हैं। मोहम्मद रिज़वान भी अच्छी कप्तानी कर रहे हैं। पाकिस्तान के लिए चिंता की बात सैम अयूब का न खेल पाना है जो हाल फिलहाल में काफी अच्छा स्कोर कर रहे थे। उनके न खेल पाने से पाकिस्तान की बल्लेबाजी पर असर पड़ना तय माना जा रहा है।
बांग्लादेश 2023 वर्ल्ड कप के बाद से वनडे मुकाबलों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया है। उसने 12 में से सिर्फ चार मैच जीते हैं। शाकिब अल हसन की गैर मौजूदगी से बांग्लादेश का स्पिन आक्रमण काफी कमजोर हो गया है। इस सबके बावजूद बांग्लादेश के पास अच्छे तेज गेंदबाज और काफी अनुभवी मिडिल ऑर्डर है।
न्यूज़ीलैंड ने दूसरी चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी लेकिन उसके बाद से कीवी कामयाबी दोहरा नहीं पाए हैं। 2009 में न्यूजीलैंड की टीम फाइनल में पहुंची थी। न्यूजीलैंड की टीम इस बार टॉप फॉर्म में है और इस बार खिताब की मजबूत दावेदार है। हालांकि अंतिम ओवरों में कमजोर गेंदबाजी न्यूजीलैंड का कमजोर पहलू है।