रणजी ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट का 90वां सीजन शुक्रवार से शुरू होगा तो सैकड़ों खिलाड़ी अपने-अपने लक्ष्य लेकर मैदान पर उतरेंगे। जहां श्रेयस अय्यर अपने अंतरराष्ट्रीय कैरियर को पटरी पर लाना चाहेंगे तो ईशान किशन की नजरें अपने बारे में लोगों की सोच बदलने पर लगी होगी। आईपीएल के दोनों सितारों को नसीहत देकर भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने सख्त संदेश दिया था कि आईपीएल नीलामी में हाथोंहाथ बिकने वालों को भी देश के क्रिकेट की नींव रणजी ट्रॉफी को सम्मान देना होगा।
अय्यर ने भारतीय टीम का हिस्सा बनने से पहले 2015-16 रणजी सीजन में 1321 रन बनाए थे। वनडे फॉर्मेट की घटती प्रासंगिकता के बीच अय्यर कैरियर के ऐसे दोराहे पर खड़े हैं जहां चयनकर्ताओं का ध्यान उन पर से हटते देर नहीं लगेगी। वहीं ईशान ने झारखंड की कप्तानी के लिए हामी भर के सेलेक्टरों को संकेत दे दिए हैं।
रणजी ट्रॉफी में देश के टॉप 17-18 खिलाड़ी नजर नहीं आएंगे जो 16 अक्टूबर से सात जनवरी के बीच आठ टेस्ट मैच खेलेंगे। वहीं अगले 18 एक ही दौर में खेल सकेंगे जिसके बाद वे आस्ट्रेलिया दौरे पर जाने वाली भारत ए टीम का हिस्सा होंगे। 15 और खिलाड़ी दक्षिण अफ्रीका में चार मैचों की टी20 सीरीज की वजह से रणजी ट्रॉफी मुकाबले नहीं खेल पाएंगे। वहीं 15 और खिलाड़ी मस्कट में इमर्जिंग एशिया कप टूर्नामेंट खेलेंगे। भारतीय टेस्ट टीम का फलसफा पिछले कुछ साल में काफी बदला है और अब बात सिर्फ रनों या विकेटों की नहीं है।
एक पूर्व नेशनल सेलेक्टर के मुताबिक अगर रन या विकेट ही टीम इंडिया में सेलेक्शन का पैमाना होते तो मिलिंद कुमार या जलज सक्सेना भारत के लिए खेल चुके होते। उनके मुताबिक अगर कोई बल्लेबाज एक सीजन में 500 रन ही बनाता है लेकिन उसमें हरी भरी पिच पर बनाया शतक और 60 रन टर्निंग पिच पर है तो उसका नाम भारत ए टीम के लिए सेलेक्टरों की लिस्ट में जरूर होगा।
उन्होंने कहा कि इसी तरह अगर एक तेज गेंदबाज बल्लेबाजों की मददगार पिच पर विकेट ले रहा है तो वो ध्यान खींचेगा ही। उनके मुताबिक ये हालात के मुताबिक ढलने और अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलने की बात है। टीमों की बात करें तो मुंबई पर नजरें होंगी जिसके पास अजिंक्य रहाणे, पृथ्वी शॉ, श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ी हैं। सरफराज खान भारतीय टीम के साथ होने के कारण नहीं खेलेंगे तो उनके छोटे भाई मुशीर चोटिल हैं।
मध्यप्रदेश को आफ स्पिन हरफनमौला सारांश जैन की कमी पहले दौर में खल सकती है जो आस्ट्रेलिया दौरे के लिये भारत ए टीम का हिस्सा हो सकते हैं। कर्नाटक की नजरें विदवत कावेरप्पा और विशाख विजयकुमार पर रहेंगी जबकि मुकेश कुमार बंगाल के लिये एक मैच खेल सकते हैं जिसके बाद उन्हें भारत ए के साथ दौरे पर जाना है। चेतेश्वर पुजारा से रनों का अंबार लगाने की उम्मीद होगी जबकि भारतीय टीम में उनके साथी रहे खिलाड़ियों को बखूबी पता है कि आस्ट्रेलिया में उनकी कमी खलेगी।