ईसीबी यानी इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड के सचिव रिचर्ड गोल्ड ने बीसीसीआई सचिव जय शाह को पत्र लिखकर दो राष्ट्रीय दिव्यांग टीम बनाने का प्रस्ताव दिया है जिससे समुदायों के बीच इस खेल को लोकप्रिय बनाने में मदद मिल सके। इसमें एक दृष्टिबाधित और एक संयुक्त (शारीरिक तौर से दिव्यांग, बौद्धिक रूप से दिव्यांग और श्रवण बाधित) टीम बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। इस वक्त भारत में डीसीसीआई यानी डिफरेंटली एबल्ड क्रिकेट काउंसिल ऑफ इंडिया है, जो बीसीसीआई की एक सब- कमेटी है। हालांकि भारतीय बोर्ड स्वतंत्र रूप से कोई टूर्नामेंट आयोजित नहीं करता है।
कोलंबो में आईसीसी की सालाना कांफ्रेंस के दौरान कुछ चर्चा होगी जिसमें गोल्ड को मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की बैठक में हिस्सा लेना है। गोल्ड ने एक पत्र लिखा है जिसे आस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी निक हॉकले, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के सीओओ सलमान नासिर और दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी फ्लेट्सी मोसेकी को भी भेजा गया है।
उन्होंने इसमें लिखा, ‘‘हम बोर्ड को दो अंतरराष्ट्रीय टीमें बनाने का प्रस्ताव देते हैं जिसमें एक दृष्टिबाधित इलेवन हो जबकि दूसरी पैन डिसेबिलिटी फॉर्मेट की टीम जिसमें बधिर, बौद्धिक रूप से दिव्यांग और शारीरिक रूप से दिव्यांग क्रिकेटर शामिल हों।’’ साथ ही गोल्ड ने लिखा है कि ईसीबी 2025 में पांच देशों को शामिल करते हुए पहले पैन-डिसेबिलिटी टूर्नामेंट की मेजबानी करने के लिए बेताब है और इसकी ख्वाहिश रखता है।
इस वक्त दुनिया भर में करीब 130 करोड़ लोग अलग-अलग तरह की दिव्यांगता के साथ रह रहे हैं। गोल्ड का मानना है कि ये अनछुआ बाजार है और यहां पहुंचने की जरूरत है। माना जा रहा है कि डीसीसीआई के प्रमुख रवि चौहान इससे जुड़ी चर्चा में हिस्सा लेने के लिए श्रीलंका में होंगे क्योंकि वे अपनी कमेटी और बीसीसीआई के बीच ब्रिज का काम करते रहे हैं।