मेरठ में एक कैदी जिला कारागार में बंद था। उसने साथी कैदियों को बताया कि वह 20 साल की उम्र में घर से भाग गया था। उसके बाद वह परिवार के पास नहीं लौटा। कैदियों ने यह बात जेल के अधिकारियों को बताई। इसके बाद अधिकारियों ने उसके परिवार को खोज निकाला।
आपकों बता दें जेलों की कहानियां बहुत खौफनाक होतीं हैं। लेकिन पिछले दिनों मुजफ्फरनगर जेल से एक बेहद भावुक खबर आई थी। एक युवक 9 साल की उम्र में घर से भाग गया था। वह मुजफ्फरनगर जिला जेल में बंद था। जेल सुपरिन्टेंडेंट की पहल पर वह 14 साल बाद अपने परिवार से मिल पाया। उसकी मां के सिवा सभी मान चुके थे कि वह मर चुका है। कुछ ऐसी ही हुआ मेरठ जेल में। रांची से 25 साल पहले लापता हुआ युवक मेरठ जेल में बंद था। लेकिन जेलकर्मियों की कोशिशों से उसका परिवार उससे मिलने आ रहा है। उसका परिवार तो उसे मृत मानकर वर्षों से उसका श्राद्ध कर्म तक करते आ रहे है ।
वही जीतू को मिलवाने में मेरठ जेल प्रशासन की अहम भूमिका रही वही जब जेल सुपरिंटेंडेंट से बात की तो उन्होंने बताया कि हम लोगों ने विचार विमर्श किया कि किन कैदियों की मुलाकात 5 वर्ष से नहीं आ रही है ऐसे पांच कैदी जन्नत हुए जिसमें बरेली में अन्य जिलों के थे इसमें एक जीतू नाम का एक बंदी था जिसकी मुलाकात लगभग 5 साल से नहीं आ रही हमने झारखंड के उच्च अधिकारियों से बात की तो जीतू के घर तक पहुंच सके और हमने जेल में बने पीसीओ के जरिए जीतू से उसके परिजनों की बात कराई उनके परिजन झारखंड से चल दिए हैं जैसे ही आएंगे मुलाकात कर दी जाएगी जीतू यहां धारा 302 में बंद है।