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यमुना एक्सप्रेसवे पर इस वर्ष फिर बढे सड़क हादसे, 89 लोगों ने गंवाई जान, 669 हुए घायल

यमुना एक्सप्रेस वे पर इस वर्ष सड़क हादसों आंकड़ा एक बार फिर बढ़ गया है। जहां वर्ष 2022 में यमुना एक्सप्रेसवे पर 303 सड़क हादसे हुए थे तो वही 2023 में नवंबर तक 378 सड़क हादसे हो चुके हैं। हालांकि इस वर्ष सड़क हादसों में मौतों का आंकड़ा पिछले वर्ष के मुकाबले कम हुआ है।

यमुना एक्सप्रेसवे ग्रेटर नोएडा के परी चौक से लेकर आगरा तक 165 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे है यह एक्सप्रेसवे नोएडा और दिल्ली को पश्चिम उत्तर प्रदेश से जोड़ता है ऐसे में अलीगढ़ मथुरा आगरा एटा मैनपुरी जाने के लिए इस एक्सप्रेसवे का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है वहीं पूर्वांचल और लखनऊ की तरफ जाने वाले लोग भी इसी एक्सप्रेसवे के जरिए लखनऊ एक्सप्रेसवे तक जाते हैं। ऐसे में यह एक्सप्रेस वे महत्वपूर्ण हो जाता है। इस एक्सप्रेस वे पर वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिसके कारण सड़क हादसे लगातार बढ़ रहे हैं और लोग अपनी जान गवा रहे हैं।

यमुना एक्सप्रेसवे पर पिछले 5 वर्षों में 2174 सड़क हादसे हुए हैं। इन सड़क हादसों 648 लोगों ने अपनी जान का गवाई है, वही 4612 लोग इन सड़क हादसों में घायल हुए। लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों को लेकर 2019 में आईआईटी दिल्ली द्वारा यमुना एक्सप्रेसवे का ऑडिट कराया गया। इसके बाद उन्हीने ने कई दिशा निर्देश दिए। इसके बाद उनकी तरफ से रंबल स्ट्रिप, गति पर नियंत्रण करने के लिए चालान सिस्टम दुरुस्त करने, साइन बोर्ड की संख्या बढ़ाने फल्स मीडियम आदि जैसे प्रस्ताव दिए गए थे।

इसे अमल करने के बाद 2020 से यमुना एक्सप्रेसवे पर सड़क हादसों में कमी आनी शुरू हो गई ।यमुना एक्सप्रेसवे पर 2020 में 509 सड़क हादसे हुए ,जिनमे 122 लोगों ने अपनी जान का गवाई और 1015 लोग घायल हुए। वहीं 2021 में सड़क हादसे घटे और इनकी संख्या 424 हो गई। जान गवाने वालों की संख्या 136 हुई और घायलों की संख्या 958 हो गई। वर्ष 2022 में सड़क हादसों में काफी कमी देखी गई और इस वर्ष केवल 303 सड़क हादसे हुए, जिनमें 106 लोगों ने अपनी जान का गवाई और 668 लोग इन सड़क हादसों में घायल हुए लेकिन 2023 में एक बार फिर सड़क हादसे बढे और इन हादसों की संख्या 378 तक पहुंच गई हालांकि इन सड़क हादसों में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या कम हो गई ।इस दौरान 89 लोगों की मौत हुई और 669 लोग घायल हुए।

यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि आईआईटी दिल्ली और इंडियन रोड कांग्रेस के द्वारा दिए गए सुझाव पर लगातार कार्य किये गए है। यमुना एक्सप्रेस वे पर हादसों को रोकने के लिए काफी कार्य किया गया है। इस दौरान एक्सप्रेसवे के प्रवेश व विकास द्वारा और जन सुविधाओं के पास रंबल स्ट्रिप लगाई गई है ताकि वहां पर वाहनों की गति कम हो सके। निकास द्वारा पर क्रश एन्टीन्यूटर्स लगाए गए हैं ।इसके अलावा एक्सप्रेस वे साइन बोर्ड की संख्या बढ़ाई गई है ।इसमें स्टॉप, टोल प्लाजा, जन सुविधा और दूरी आदि का जिक्र है। एक्सप्रेसवे के किनारे बाहरी बैरियर को  और ऊंचा उठाया गया है ताकि बाहर से जानवर आदि कोई ना सके ।इसके अलावा बुलनोज का भी कार्य कराया गया है । साथ ही साइड बीम का भी कार्य कराया गया और इसके अलावा गति सीमा तय है। तेज गति से जाने वाले वाहनों के चालान भी किए जाते हैं। इन सब सेफ्टी कार्यों का फायदा यह हुआ है कि पहले सड़क हादसे के दौरान वहां एक साइड से दूसरी साइड चल जाए करते थे और बड़ा सादा खता हो जाता था लेकिन अब यह बहुत कम हो गया है उसी का नतीजा है कि सड़क हादसों में कैजुअल्टी में कमी आई है और बड़े सड़क हादसे अब काम हुए हैं। अभी सेफ्टी को लेकर और कार्य किया जा रहा है जिससे आने वाले समय पर हादसों में और ज्यादा कमी आएगी।