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पार्किंग के नाम पर खुली गुंडई, पुलिस संरक्षण में गुर्गे कर रहे अवैध वसूली

मथुरा: वृंदावन बदहाल यातायात व्यवस्था की मुख्य वजह अवैध कमाई है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। पुलिस के संरक्षण में पार्किंग के नाम पर खुली गुंडई हो रही है। वसूली के लिए कायदे-कानून खूंटी पर टांग रखे हैं। श्रद्धालुओं व स्थानीय लोगों को ना केवल परेशान किया जा रहा, बल्कि उनके साथ अभद्रता व मारपीट तक की जा रही है। ये काम पार्किंग संचालकों के गुर्गे कर रहे हैं। कई बार इसको लेकर विवाद हो चुका है, अधिकारियों से भी शिकायतें हुई हैं, लेकिन जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए हैं। वही पार्किंग पर पुलिस कर्मी आराम फरमाते नजर आए। मीडिया का केमरे देख आराम करते पुलिस कर्मी हड़बड़ाकर वहां से रफू-चक्कर होने लगे और पार्किंग ठेकेदार अपने आप को गाड़ी चालक बताने लगा। पुलिस की सह पर चल रही पार्किंग स्थल में निगम और एमवीडीए की पार्किंग बोर्ड जरूर देखने को मिलेंगे, लेकिन उन पर किसी प्रकार की रेट लिस्ट देखने को नही मिलते और रेट लिस्ट लगेगें भी क्यों, क्योंकि निर्धारित रेट से ऊपर वसूली जो करनी होती है। 

वृंदावन में बांकेबिहारी मंदिर सुबह 8.45 से दोपहर एक बजे तक तथा शाम 4.30 से रात 8.30 बजे तक दर्शन के लिए खुलता है। इस समय तक बाहरी श्रद्धालुओं के वाहनों की नगर के अंदर नोएंट्री की व्यवस्था है। बाहरी श्रद्धालु मंदिर बंद होने के समय वृंदावन के अंदर आ-जा सकते हैं। लेकिन, स्थानीय लोगों के वाहन मंदिर खुलने व बंद होने के समय नगर में आ-जा सकते हैं। इसके लिए स्थानीय लोगों को अपनी आइडी या आधार कार्ड दिखाना होगा। हाईवे की ओर से वृंदावन जाने वाले वाहनों को रोकने के लिए मल्टीलेवल पार्किंग के पास पुलिस ने बैरियर लगा रखे है और यहां पुलिस तैनात रहती है। लेकिन, पार्किंग संचालक के गुर्गे बैरियर के पास रोड पर खड़े रहते हैं। ये नगर में जाने वाले स्थानीय लोगों के वाहनों को रोक कर परेशान करते हैं। आइकार्ड आदि दिखाने के बाद भी अंदर नहीं जाने देते। कोई अंदर जाने की जिद करता है तो उसके साथ अभद्रता व मारपीट भी कर देते हैं। 

इसी तरह मंदिर बंद होने के समय ये गुर्गे बाहरी श्रद्धालुओं के वाहन रोक देते हैं। जबरन पार्क कराते हैं। इसको लेकर भी आए दिन विवाद होते रहे हैं। कई श्रद्धालुओं के साथ मारपीट तक की जा चुकी है। लेकिन, यहां तैनात पुलिसकर्मी चुप्पी साधे रहते हैं। इस मनमानी की मुख्य वजह अवैध कमाई है। पुलिस के संरक्षण में यह पूरा खेल चल रहा है, तभी तो पुलिसकर्मी नियम का पालन नहीं करा रहे। अगर नियम के अनुसार वाहनों को एंट्री हो तो किसी तरह की कोई समस्या ही नहीं रहे। लेकिन, यहां पाकिंग संचालकों को पुलिस के संरक्षण में गुंडई चल रही है। इससे कान्हा की नगरी की छवि श्रद्धालुओं की नजरों में गलत जा रही है।

रिपोर्ट- अमित शर्मा, मथुरा