Breaking News

IPL 2024: राजस्थान ने चेन्नई को दिया 142 रनों का टारगेट     |   दिल्ली: चांदनी चौक की एक दुकान में लगी आग, दमकल की 13 गाड़ियों को मौके पर भेजा गया     |   आज पटना में रोड शो करेंगे पीएम मोदी, शाम 6:30 बजे से होगी शुरुआत     |   संदेशखाली पुलिस ने एक BJP कार्यकर्ता को किया अरेस्ट, पार्टी कार्यकर्ताओं ने शुरू किया विरोध प्रदर्शन     |   हरियाणा: फ्लोर टेस्ट के लिए विशेष सत्र बुला सकती है सरकार     |  

नोएडा अथाॉरिटी की 4 साल पहले शुरू हुई परियोजना 4 महीने भी नहीं चली, 60 से अधिक साइकिल डॉकिंग स्टेशन पड़े खाली

E-Cycle Scheme: नोएडा शहर को और साफ-सुथरा और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए प्राधिकरण द्वारा शहर में 60 से भी ज्यादा ई साइकिल डॉकिंग स्टेशन बनाए गए थे. करीब 4 साल पहले शुरू हुई यह परियोजना बीते 17 अप्रैल को नोएडा के स्थापना दिवस के दिन लांच की गई थी, जिसमें बताया गया था कि शहर में साइकिल का संचालन किया जाएगा और शहर वासियों को नॉर्मल किराए पर यह साइकिल मिल सकेंगी, लेकिन 4 साल की यह परियोजना में चार महीने में ही खत्म होती नजर आ रही है, तमाम डॉकिंग स्टेशन खाली पड़े हुए हैं जहां पर ई-साइकिल नजर नहीं आती है.

शहर में 60 से भी अधिक बनाए गए थे ई साइकिल डॉकिंग स्टेशन
नोएडा प्राधिकरण द्वारा शहर में ई-साइकिल को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर 60 से भी अधिक जगहों पर ई साइकिल डॉकिंग स्टेशन बनाए गए थे, जहां पर ई-साइकिल के संचालन के लिए कई सालों से निजी कंपनी की तलाश की जा रही थी, बीते 17 अप्रैल को नोएडा के स्थापना दिवस के मौके पर प्राधिकरण द्वारा एक कंपनी का निर्धारण करते हुए की, साइकिल परियोजना को शुरू किया गया था. शुरुआती दौर में 31 स्टेशन में ई-साइकिल का संचालन किया जाना था और कुछ समय बाद सभी स्टेशन पर ही साइकिल का संचालन किया जाना था, लेकिन में 4 महीने में ही प्राधिकरण की यह परियोजना ध्वस्त होती नजर आ रही है.

निजी कंपनी को सौंपा गया था संचालन
प्राधिकरण द्वारा ई-साइकिल के संचालन के लिए निजी कंपनी टर्बन मोबिलिटी का चयन किया गया था, जो प्रथम चरण में कुछ डॉकिंग स्टेशन को शुरू करते हुए दूसरे चरण में सभी डॉकिंग स्टेशन को शुरू करने वाली थी, शुरुआत में टर्बन मोबिलिटी द्वारा 31 डॉकिंग स्टेशन में कुछ साइकिलों को रखा गया था लेकिन अब धीरे-धीरे हाल यह है कि सभी ई साइकिल डॉकिंग स्टेशन खाली पड़े हुए हैं, जिन जगहों पर ही साइकिल है वहां पर लोगों को संचालन की सुविधा नहीं मिल रही है.