मेरठ की मेट्रो आज यानी रविवार को शहर के अंदर पहली बार चली है। सुबह 10 बजे मेरठ साउथ स्टेशन से मेट्रो का ट्रायल रन शुरू हुआ है। जो आज फुटबॉल चौक तक जाएगी। यह शहर के अंदर मेट्रो का ट्रायल है। इसमें परतापुर, दिल्ली रोड, शारदा रोड, ब्रहमपुरी से होते हुए मेट्रो फुटबॉल चौक तक पहुंची है। आज मेट्रो का यह पहला ट्रायल है। जल्द ही शहर के अंदर मेट्रो का संचालन शुरू हो जाएगा।
शहरवासियों ने जैसे ही सड़क के ऊपर हवा में एलिविटेड ट्रैक पर मेट्रो को चलता देखा तो खुशी से झूम उठे। लोगों ने वीडियो भी बनाए और विकास की इस तस्वीर को देखते हुए सेलिब्रेशन किया।
आपको बता दे ट्रेन में ये भी खास मेरठ मेट्रो का डिजाइन बेहद आकर्षक व आधुनिक है। इसमें यात्रियों को अधिकतम आराम, सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। ट्रेनें वातानुकूलित हैं, जिनमें बैठने की व्यवस्था, सामान रखने की रैक, ग्रैब हैंडल, यूएसबी डिवाइस चार्जिंग सुविधा आदि हैं। मेरठ मेट्रो के स्टेशन
ट्रेन कंट्रोल मैनेजमेंट सिस्टम ( टीसीएमएस ) के तहत आरंभ में मैन्यूअल तरीके से ट्रेन को ऑपरेट किया जा रहा है।
मेरठ साउथ ( एलिवेटेड ), परतापुर ( एलिवेटेड ), रिठानी ( एलिवेटेड ), शताब्दीनगर ( एलिवेटेड ), ब्रह्मपुरी ( एलिवेटेड ), मेरठ सेंट्रल ( भूमिगत ), भैसाली ( भूमिगत ), बेगमपुल ( भूमिगत ), एमईएस कॉलोनी ( एलिवेटेड ), डोरली ( एलिवेटेड ), मेरठ नॉर्थ (एलिवेटेड), मोदीपुरम ( एलिवेटेड ), और मोदीपुरम डिपो ( धरातल पर )। मेरठ में मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम स्टेशनों पर आरआरटीएस के साथ मेट्रो सेवाएं उपलब्ध होंगी, जहां पर लोग अपनी सुविधानुसार आगे जाने के लिए अपनी ट्रेन बदल सकेंगे। अन्य स्टेशनों पर सिर्फ मेट्रो की सेवा होगी।
जिसके बाद ट्रेन को मेरठ साउथ स्टेशन से बहुत धीमी रफ्तार में मेरठ सेंट्रल के भूमिगत खंड से ठीक पहले तक के खंड तक लाया गया। मेरठ में तीन कोच की मेट्रो ट्रेन शहर में 13 स्टेशनों के बीच चलेगी। एक ट्रेन में 700 से अधिक यात्री सफर कर सकेंगे। दुहाई डिपो में मेट्रो के 10 कोच पहुंच चुके हैं। आज 2 कोच की ट्रेन का ट्रायल रन किया गया है। हालांकि अभी दो कोच आने बाकी है। मेरठ में मेट्रो की अधिकतम परिचालन गति 120 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है। इसकी टेस्टिंग लगातार हो रही है। मेरठ मेट्रो कॉरिडोर की लंबाई 23 किमी है, जिसमें 18 किमी का हिस्सा एलिवेटेड है और 5 किमी का सेक्शन अंडरग्राउंड है। मेरठ में कुल 13 स्टेशन हैं, जिनमें से 9 स्टेशन एलिवेटेड और 3 स्टेशन भूमिगत हैं। एक स्टेशन (डिपो स्टेशन) ग्राउंड लेवल पर होगा।
वही शहर के अंदर आरआरटीएस कॉरिडोर पर ही मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम डिपो तक रैपिड के साथ मेट्रो चलाई जाएगी। इसके लिए मेरठ दक्षिण स्टेशन से मोदीपुरम तक करीब 23 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर बनाया जा रहा है। यह कॉरिडोर इस साल मार्च-अप्रैल तक तैयार हो जाएगा। इसके बाद नमो भारत और मेट्रो दोनों का परिचालन होने लगेगा।
इन ट्रेनों को 40 किमी प्रति घंटे से लेकर 135 किमी प्रति घंटे की डिजाइन गति पर इस दूरी में चला कर इनका परीक्षण किया जा रहा है। मेरठ में कुल 12 मेट्रो चलेंगी। एक ट्रेन में तीन डिब्बे होंगे। ट्रेन के डिब्बे गुजरात से बड़े ट्रॉले में लाए जा रहे हैं। डिपो में डिब्बों को जोड़ा जा रहा है। इन सभी की टेस्टिंग शुरू हो गई है। इसके लिए डिपो में 700 मीटर लंबा ट्रैक बनाया है। शताब्दीनगर में विद्युत आपूर्ति के लिए पावर सबस्टेशन बनकर तैयार हो गया है, जबकि मोदीपुरम में दूसरे सब स्टेशन का काम चल रहा है। ऐसी खूबियों से भरी है आपकी मेरठ मेट्रो
मेरठ मेट्रो का डिजाइन बेहद आकर्षक व आधुनिक है। इसमें यात्रियों को अधिकतम आराम, सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। ट्रेनें वातानुकूलित हैं, जिनमें बैठने की व्यवस्था, सामान रखने की रैक, ग्रैब हैंडल, यूएसबी डिवाइस चार्जिंग सुविधा आदि हैं। मेरठ मेट्रो की ट्रेन अत्याधुनिक हल्के वजन और स्टेनलेस स्टील से निर्मित हैं।
एक ट्रेन में 700 से ज्यादा यात्री सफर कर सकेंगे। सभी स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) के साथ मेट्रो संचालन को जोड़ा जाएगा, ताकि सुरक्षा का पूरा पालन हो सके। ऊर्जा खपत में कमी के लिए ट्रेनों के दरवाजों में पुश बटन का प्रयोग किया गया है, जिसकी मदद से सिर्फ वही दरवाजे खुलेंगे, जहां पुश बटन को दबाया जाएगा। आपातकालीन निकास उपकरण, अग्निशामक यंत्र, अलार्म और टॉक-बैक सिस्टम जैसे सुरक्षा सिस्टम को एकीकृत किया गया है। आपातकालीन स्थिति में मेडिकल स्ट्रेचर ले जाने के लिए ट्रेन में जगह की व्यवस्था, व्हील चेयर के लिए भी स्थान होगा।