प्रदेश की सबसे दूषित कहे जाने वाली काली नदी का पानी शुद्ध करने के लिए 680 करोड़ की योजना का आज शिलान्यास किया गया। जिसके तहत मेरठ और आसपास के जिलों को 22 करोड़ लीटर शुद्ध पानी रोज मिल पाएगा। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भूमि पूजन कर शिलान्यास किया।
वहीं कमालपुर में 220 एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट का प्लांट बनेगा। नमामि गंगे योजना के तहत होगा एसटीपी का निर्माण होगा। इसमें ओडियन नाला और आबूनाला प्रथम और आबूनाला द्वितीय को शामिल किया जाएगा। क्योंकि शहर के सभी छोटे नालों का पानी ये तीनों बड़े नाले काली नदी तक पहुंचाते है। एसटीपी बनने के बाद काली नदी में साफ पानी जाएगा।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, मेरठ शहर से गुजरने वाली काली नदी यह देश की सबसे प्रदूषित नदियों में से एक हो गई है। मेरठ हापुड़ और मेरठ के आसपास चारों शहर से निकलती है। इन चारों ही शहरों में इस नदी को संपूर्ण रूप से स्वच्छ किया जा सके इस तरीके की परियोजना का निर्माण किया गया है। उसी के तहत मेरठ में 22 करोड़ लीटर पानी प्रतिदिन शुद्ध कर सकें ऐसा यंत्र का शिलान्यास आज किया गया है। इसके निर्माण होने के पश्चात आगामी 15 वर्ष तक जो आबादी बढ़ने के चलते जो पानी गंदा होगा उसके ट्रीटमेंट की क्षमता स्थापित हो जाएगी। यह लगभग 680 करोड़ की परियोजना है जिसका शिलान्यास किया गया है। सरयू की अविरलता और निर्मलता बनी रहे हम सुनिश्चित करेंगे, अयोध्या विश्वपटल पर सबसे बड़ा विकसित होने वाला तीर्थ है। सांसद राजेंद्र अग्रवाल इस प्लांट के लिए हमेशा प्रयास और संपर्क में रहे, जनता के लिए उनका सपना भी पूरा हुआ।
कार्यक्रम में जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक, सांसद राजेंद्र अग्रवाल और मेरठ के महापौर हरिकांत अहलूवालिया भी रहे मौजूद।