मेरठ के बेगमबाग न्यू शिवलोक निवासी शशि भूषण माहेश्वरी ने 4.5 लाख रुपये में पुंगनूर नस्ल की गाय का जोड़ा खरीदा है। इस गाय को देखने के लिए सुबह से शाम तक शहर के लोग बेगमबाग पहुंच रहे हैं। परिवार ने गाय के जोड़े का नाम लक्ष्मी और नारायण रखा है। गाय के घर आने पर उत्सव मनाया गया। गाय की ऊंचाई सिर्फ 2.5 फीट है। ऐसे में गाय सभी के लिए आकर्षण का केंद्र है।
नेटवर्क 10 न्यूज़ ने माहेश्वरी परिवार से इन गायों का रुटीन और इससे जुड़ी पूरे बिंदुओं को जाना..
मीडिया से बात करते हुए शशीभूषण बताते हैं कि हम गौसेवक है। बरसों से इच्छा थी कि घर में गाय पालनी है। लेकिन फ्लैट में बड़ी गाय तो पाल नहीं सकते। ये गायें कद में छोटी हैं तो फ्लैट में आसानी से पाली जा सकती हैं। बड़ी गाय के लिए बड़ा स्थान चाहिए फिर पड़ोसी ऑब्जेक्शन करते हैं गोबर, मच्छर तमाम बातें होती हैं। इसलिए हमें जब छोटी गायों के बारे में पता चला तो हमने इसको काफी सर्च किया। लगभग 1 साल से मैं इन गायों के बारे में जानकारी जुटा रहा था। पूरा इनके बार में स्टडी किया इसके बाद इन्हें लेकर आया। मैं कहूंगा जो भी लोग फ्लैट मे रहते हैं बड़ी जगह नहीं है तो इन गायों को लाकर इनकी सेवा कर सकते हैं। शशीभूषण अपने फ्लैट में ही दोनों गायों को पाल रहे हैं।
वहीं शशीभूषण कहते हैं कि मैंने पीएम मोदी जी के साथ इनका वीडियो देखा फिर इन्हीं को लाने का मन बनाया और भगवान से सफलता दी तो हम इनकी सेवा कर पा रहे हैं। खुद इन गायों को पुंगनूर से अपनी वैगनार कार में पीछे की सीट पर बैठाकर सड़क रास्ते से मेरठ तक लाए हैं। हजारों किमी का सफर पूरे 36 घंटे में तय करके मेरठ लाए। कहा कि बेहद आराम से ये दोनों गाय कार में पीछे की सीट पर बैठकर आ गए। हमने रास्ते में इन्हें चारा भी दिया। कोई मुश्किल नहीं हुई,पूरे 7 दिन का सफर कार से तय कर इनको हम लाए हैं।
आपको बता दे शशिभूषण माहेश्वरी के 3 बच्चे हैं। पहले बेटा स्पर्श, बेटा मधुर और सबसे छोटी बेटी कृष्णवी है। लेकिन अब परिवार में 3 नहीं 5 बच्चे हैं। शशिभूषण की पत्नी आशा माहेश्वरी लक्ष्मी-नारायण को बिल्कुल बच्चों की तरह स्नेह करती हैं। कालोनी और पड़ोस के लोग उन्हें अब लक्ष्मी-नारायण के मम्मी-पापा के नाम से बुलाते हैं। यही नाम मशहूर हो गया है। इलाके में किसी से पता पूछें तो पता अब पुंगनूर गाय वाला परिवार हो गया है।
आशा कहती हैं इनके आने से पहले ये डर था कि कैसे गाय का पालन होगा। मुझे भी बहुत डर लगता था। लेकिन इन्हें पालना कोई मुश्किल नहीं है। अब तो लोग मुझे लक्ष्मी-नारायण की मम्मी कहते हैं। ये भी देसी गाय हैं और इनके साथ हमें बहुत अच्छा लग रहा है। घर में रौनक और एक पॉजिटिविटी आ गई है। सारा दिन कैसे गुजरता है पता नहीं चलता। इनके गोबर को हम घर में नियमित होने वाले हवन में उपले की तरह प्रयोग कर रहे हैं। हम इस जोड़े को अपने छोटे बेटे मधुर के 18 वें जन्मदिन के दिन 28 नवंबर को लाए हैं। अब हर साल 28 नवंबर को हम अपने तीनों बच्चों का एक साथ बर्थडे मनाएंगे।
जिसके बाद शशीभूषण कहते हैं पहले मेरा बेटा डॉग पालने के लिए कहता था। हमें ये पसंद नहीं। हम मना करते वो मानता नही था। फिर तय हुआ कि हम तो गाय पालेंगे वो डॉग लाएगा। लेकिन जिस दिन से ये गाय का जोड़ा आया है उसने डॉग पालने का मन खत्म कर दिया। कहता है अब इन्हीं के साथ अच्छा लगता है। जिस दिन से इनको लाए हैं रिश्तेदारों, दोस्तों सब का आना, जाना लगा हुआ है। रामनगर, बदायूं, सुल्तानपुर दूरदूर से लोग हमारी गाय को देखने आ रहे हैं। कई लोगों ने हमसे संपर्क किया है वो इन गायों को लेना चाहते हैं।
अब गाय के इस जोड़े का रुटीन पढ़िए
लक्ष्मी-नारायण मिलकर दिनभर में कुल 3-4 किलो हरा चारा खाते हैं। सुबह 6 बजे उठते हैं। दोपहर में लिफ्ट के जरिए बिल्डिंग के सेकेंड फ्लोर से नीचे ग्राउंड फ्लोर पर जाते हैं। वहां पार्क में धूप में घूमते-टहलते हैं। शाम को लिफ्ट से दोबारा फ्लैट में ऊपर आ जाते हैं। पूरे घर में घूमते हैं। इनके लिए मैट्स लगाए गए हैं। उसी पर रहते हैं। अभी दोनों बाल्यावस्था में हैं लगभग छह से सात महीने बाद ये जोड़ा किशोर होगा फिर मैटिंग कर इसका संतति विस्तार होगा। ये गाय एक दिन में 4-5 किलो दूध देती है। साढ़े चार वर्ष की होने पर यह गाय पहली बार बच्चा देती है। एक बार बच्चा देने के बाद यह गाय 330 किलो दूध 100 दिन में देती है। औसतन इस गाय का वजन 35 किलो होता है। इस गाय की डिमांड अधिक होने के कारण जोड़े की कीमत 4.5 लाख है।
पुंगनूर गाय के इस जोड़े का प्रोफाइल पढ़िए
गाय, बछिया- लक्ष्मी
हाइट - ढाई फिट
उम्र - 1 साल 7 महीना
बछड़ा - नारायण
हाइट - ढाई फिट से थोड़ा ज्यादा
वजन - 35 किलो
उम्र - 1 साल 4 महीना