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लोकतंत्र के लिए संवाद सबसे जरूरी शर्त, गोरखपुर में बोले सीएम योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि संवाद लोकतंत्र की सबसे बड़ी शर्त है, क्योंकि इससे कई समस्याओं का समाधान हो सकता है। सीएम ने ये टिप्पणी गोरखपुर में शहरी सेवा केंद्र और वरिष्ठ नागरिक डे केयर सेंटर का उद्घाटन करने के बाद की।

उन्होंने कहा, "लोकतंत्र की पहली शर्त संवाद है। संवाद के जरिए ही समस्याओं का समाधान हो सकता है और व्यापार में आसानी और जीवनयापन में आसानी के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। हमें जनता को अधिकतम सुविधाएं देने में सक्षम होना चाहिए, आम आदमी की बात को यथासंभव सुनना चाहिए, (और) यही लोकतंत्र की सफलता का आधार है।"

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता ही 'जनार्दन' होती है। "इसी भावना के साथ हमें आगे बढ़ना चाहिए।" यूपी सरकार ने एक बयान में कहा कि 14.22 करोड़ रुपये की लागत से बनी दोनों सुविधाओं का मकसद गोरखपुर में नागरिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है।

आदित्यनाथ ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है और ब्रिटेन को पीछे छोड़कर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने कहा, "और अब हम जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं।"

गोरखपुर को पूर्वी उत्तर प्रदेश के करीब पांच करोड़ लोगों की जीवनरेखा बताते हुए आदित्यनाथ ने कहा, "कुछ समय पहले तक गोरखपुर नगर पंचायत जैसा दिखता था। लेकिन आज ये नगर निगम है और राज्य के प्रमुख शहरी केंद्रों में गिना जाता है।"

उन्होंने लोगों से मोहल्ला स्वच्छता समितियां बनाने, स्ट्रीट लाइटिंग सिस्टम के समुचित संचालन को सुनिश्चित करने और यातायात प्रवाह को बेहतर बनाने के लिए वेंडिंग जोन बनाने की भी अपील की। उन्होंने कहा, "नागरिकों की भी अपने शहरों को आकार देने में अहम भूमिका होती है।" आदित्यनाथ ने नगर निगम को मानसून की तैयारियां शुरू करने, नालों की सफाई तुरंत करने और गाद हटाने का निर्देश दिया। उन्होंने प्लास्टिक प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने को कहा।

उन्होंने कहा, "शहर की जल निकासी व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। आज गोरखपुर की पहचान जलभराव के लिए नहीं, बल्कि कुशल जल निकासी के लिए है। गोरदहिया नाला परियोजना के पूरा होने से ये व्यवस्था और मजबूत होगी और ये जगह पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगी।"