Breaking News

आम आदमी पार्टी ने जारी की MCD उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट, 12 सीटों पर 30 नवंबर को मतदान     |   अटलजी ने उत्तराखंड का सपना पूरा किया: पीएम मोदी     |   जापान में 6.7 तीव्रता के भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी जारी     |   जम्मू-कश्मीर: आतंकवादी संबंधों के आरोप में कठुआ में दो एसपीओ पुलिस सेवा से बर्खास्त     |   जापान के उत्तरी तट पर जोरदार भूकंप, सुनामी अलर्ट जारी, लोगों को तटीय इलाकों से दूर रहने की चेतावनी     |  

अंडमान सागर में भूकंप के तेज झटके, रिक्टर स्केल पर 5.4 तीव्रता

अंडमान के पास समुद्र में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 5.4 बताई गई है। भूकंप का केंद्र 90 किमी की गहराई में था। यह भूकंप 12 बजकर 6 मिनट पर महसूस किया गया। फिलहाल भूकंप के बाद हुए नुकसान के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है।  हाल के दिनों में देश-दुनिया के कई इलाकों में भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है। हमारी धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार अपने स्थान पर घूमते रहती हैं। हालांकि, कभी-कभी इनमें टकराव या घर्षण भी होता है। इसी कारण धरती पर भूकंप की घटनाएं देखने को मिलती हैं। इसका सबसे ज्यादा नुकसान आम जनजीवन को उठाना पड़ता है। भूकंप से मकानें गिर जाती हैं, जिसमें दबकर हजारों लोगों की मौत हो जाती है।

भारत के कुल भूभाग के लगभग 59 फीसदी हिस्से को भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। वैज्ञानिकों ने भारत में भूकंप क्षेत्र को जोन-2, जोन-3, जोन-4 व जोन-5 यानी  4 भागों में विभाजित किया है। जोन-5 के इलाकों को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना जाता है, जबकि जोन-2 कम संवेदनशील माना जाता है। हमारे देश की राजधानी दिल्ली भूकंप के जोन-4 में आती है। यहां 7 से अधिक तीव्रता के भी भूकंप आ सकते हैं जिससे बड़ी तबाही हो सकती है। भारत में हिमालय क्षेत्र और कुछ अन्य फॉल्ट लाइनों (जैसे कच्छ, पूर्वोत्तर भारत) के कारण भूकंप का खतरा अधिक है, क्योंकि भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है। 4 से 4.9 तीव्रता के भूकंप में घर में रखा सामान अपनी जगह से नीचे गिर सकता है। 5 से 5.9 तीव्रता के भूकंप में भारी सामान और फर्नीचर भी हिल सकता है। 6 से 6.9 में इमारत का बेस दरक सकता है। 7 से 7.9 में इमारतें गिर जाती हैं। 8 से 8.9 में सुनामी का खतरा होता है और ज्यादा तबाही मचती है। 9 या ज्यादा में सबसे भीषण तबाही होती है।