देश की राजधानी दिल्ली एक न एक मुश्किलों का सामना करती रहती है. कभी शराब से दिल्ली की सियासत में झाग उड़ता है तो कभी यमुना के झाग से सियासत में घमासान मचता है अभी प्रदूशष के काले साए से दिल्ली निकल ही नहीं पाई इसी बीच एक बार फिर से दिल्ली की सियासत में ताजा विवाद को लेकर नया टकराव शुरू हो गया है। जिसको लेकर आम आदम पार्टी फिर एक बार बुरी तरह से घिरती नजर आ रही है। मुश्किलों से जूझती दिल्ली में अब एक और नई मुसीबत पैदा हो गई है। दरअसल दिल्ली में दावा किया जा रहा है कि दिल्ली में जल संकट मंडराने वाला है जहां लोगों के लिए पानी के लिए मारा मारी करनी पडेंगी।
खबरों के मुताबिक बताया जा रहा है कि दिल्ली में जल संकट काफी गहरा सकता है इस गहराई को मापते हुए केजरीवाल सरकार ने पैनिक बटन भी दबा दिया जिसके बाद से स्थिति और भी सवेंदनशील हो गई है इतना ही पानी के सकंट को द्खते हुए दिल्ली सरकार की मंत्री अतिशी की तरफ से कड़े रूख अख्तियार किए गए हैं। अतिशी ने तो इस गहरी स्थिति को परखते हुए इमरजेंसी हालात बताते हुए वित्त सचिव आशीष वर्मा को जिम्मेदार बताया है।
अतिशि ने आरोप लगाया कि आशीष ने ही जल फंड रोका है। अतिशि के इन आरोपों के वित्त सचिव ने खारिज करते हुए कहा कि ऐसे इत सरह से दावा करना सही ननहीं है ये पूरी तरह से ग लत हा कि पूरी तरह से शहर का पानी या पिरक सीवेज ट्रीटमेंट रूक जाएगा।
इतना ही नही्ं जल और वित्त मंत्री अंतिशि ने वित्त सचिव पर जल फंड कू दूसरी किस्त का पैसा रोकरने का आरोप लगाते हुए उनकी बरखास्तगी की की मांग कर दी है। यही नही अतिशि ने कहा कि इस पर हम जलद ही एक्शन लेंगे और एलजी वीके सक्सेना को लेटर देने की भी बात कही है। आतिशि ने कहा कि जल संकट का पैदा होना किसी भी आपातकालीन स्तिति से कम नहीं है। ऐसे में दिल्ली वालों को पानी कि किल्लत का सामना करना पड़ सकता है और हालात महामारी जैसे बन सकते हैं। जिसको लिए अभी से सतर्क होने की जरूरत है।
तो वहीं इस आरोपों से घिरें वित्त सचिव ने कहा कि यहां पर किसी भी करह से कोई भी धांधली नहीं हुई है। सरकार सिर्फ लोन और ग्रांट के लिए देती है और ऐसे में प्रोजेक्ट के लिए फंड जमीनी स्तर पर प्रगति के आधार पर ही जारी करता है। तो जो अतिशि ने आरोप लगाए हैं वो पूरी तरह से बेबुनियाद हैं।