ज्ञानवापी मामले में कोर्ट के फैसले पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एवं प्रख्यात इतिहासकार इरफान हबीब का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि मथुरा और काशी के मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई. इसका जिक्र इतिहास की कई किताबों में भी किया गया है. इसको साबित करने के लिए किसी सर्व कोर्ट कचहरी की भी जरूरत नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि 1991 में उपासना स्थल के तहत इसका मौजूद स्वरूप संरक्षित है, जिसके मुताबिक 1947 की स्थिति बरकरार रखनी होगी. कोई तब्दीली करनी है तो इसके लिए कानून बदलना होगा.
इतिहासकार प्रोफेसर इरफान हबीब ने कहा कि मथुरा और वाराणसी में मंदिर थे, जिन्हें तोड़ा गया था. जो बात एक दम सत्य है. इस बात का जिक्र इतिहास की कई किताबों में किया गया है. इसको साबित करने के लिए सर्वे, कोर्ट-कचहरी की कोई जरूरत नहीं है.