केरल के मंदिर उत्सवों में सबसे भव्य त्रिशूर पूरम 19 अप्रैल से शुरु होगा। हफ्ते भर तक चलने वाले त्रिशूर पूरम में सैकड़ों संगीतकार, सजे धजे हाथी और शानदार आतिशबाजी का नज़ारा देखने को मिलेगा। आतिशबाज़ी के इंतज़ामों को मंगलवार को परखा भी गया। इस साल तिरुवमबड़ी और परमेक्कव मंदिरों के लिए भी वही शख्स आतिशबाजी तैयार कर रहे हैं।
सतीश आतिशबाज़ी को एक सुरीले गाने की तरह देखते है, जो आंख और कान दोनों को सुंदर लगता है। दक्षिण में मशहूर त्रिशूर पूरम हर साल शहर के बीचों बीच नामी वडक्कुनाथन मंदिर में मनाया जाता है। जाना-माना पूरम विशाल थेक्किंकडु मैदान में होता है जिसमें सभी उम्र के हजारों लोग शरीक होते हैं।