Jharkhand: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के खरसावां विधानसभा सीट से विधायक दशरथ गागराई पर गंभीर आरोप लगे हैं। उन पर फर्जी नाम से चुनाव लड़ने और अपने भाई को सरकारी नौकरी दिलाने के लिए धोखाधड़ी करने का आरोप है।
28 जुलाई को मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) को दी गई शिकायत में मांग की गई है कि मामले की पूरी जांच हो। शिकायत में कहा गया है कि विधायक का असली नाम रामकृष्ण गागराई है, लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए नाम बदलकर दशरथ गागराई कर लिया और 2014, 2019 व 2024 के विधानसभा चुनाव इसी नाम से लड़े। आवेदन में उनके जन्म प्रमाण पत्र और शैक्षणिक दस्तावेजों में दर्ज नाम और नामांकन पत्रों में अंतर का हवाला दिया गया है।
शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि विधायक ने अपने भाई की भर्ती सीआरपीएफ में फर्जी पहचान के आधार पर करवाई। झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने इंडिया टुडे से कहा कि सरायकेला-खरसावां के उपायुक्त से रिपोर्ट मांगी गई है। उन्होंने बताया कि किसी जनप्रतिनिधि पर शिकायत मिलने पर रिपोर्ट लेना मानक प्रक्रिया है।
वहीं, दशरथ गागराई ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “ये आरोप पूरी तरह झूठे और निराधार हैं।” साथ ही उन्होंने शिकायतकर्ता पर भी पलटवार करते हुए कहा कि उसका अतीत संदिग्ध है और उस पर POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज होकर सजा हुई थी। फिलहाल वह जमानत पर बाहर है और आरटीआई का दुरुपयोग कर ब्लैकमेलिंग करता है।
शिकायत के साथ लगाए गए दस्तावेजों में दावा किया गया है कि रामकृष्ण गागराई के नाम से चोरी, डकैती और हत्या जैसे गंभीर मामले भी दर्ज हैं। शिकायतकर्ता ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 419, 420, 467, 468 और 471 तथा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 125A, 8A और 100 का हवाला देते हुए जांच की मांग की है।