दो अक्तूबर 2023 से पहले ही मेरे परिवार को खत्म कर देने का आरोपियों ने प्लान बनाया था। 28 सितंबर को आरोपियों में से किसी ने मेरे पापा को सरप्राइज देने की बात कही थी, लेकिन उस दिन कामयाब नहीं हो सके। 29 सितंबर को पिता को घर के रास्ते पर दो कारतूस मिले थे।
इसकी सूचना पर मैं गांव आ गई थी। कुछ इतना दर्दनाक होने का अहसास भी नहीं था, लेकिन दो अक्तूबर को हमारी जिंदगी में वह काला दिन आ गया और हमारा लगभग पूरा परिवार खत्म हो गया। यह कहना है फतेहपुर कांड में जान गंवाने वाले सत्यप्रकाश दुबे की बेटी शोभिता का।