असम के बाद अब उत्तर प्रदेश के मदरसों की बारी है. हाई कोर्ट के फैसले के बाद यूपी के मदरसे बंद हो सकते हैं. मुलायम सिंह की सरकार में 2004 में यूपी मदरसा शिक्षा कानून बना था. इसी कानून के तहत यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड बना. बोर्ड में चेयरमैन से लेकर सदस्य तक सिर्फ एक ही धर्म विशेष मतलब मुसलमानों को रखा गया. उसमें भी शिया और सुन्नी मुसलमानों के लिए कोटा फिक्स कर दिया गया. हाई कोर्ट ने इसे संविधान के खिलाफ माना. आर्टिकल 14 के समानता के अधिकार के खिलाफ इसे समझा गया. इसीलिए इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने बोर्ड को असंवैधानिक करार दिया है. इसे धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ माना है.