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राजस्थान की सीकर सीट का चुनावी समीकरण

राजस्थान के सीकर लोकसभा सीट से कई दिग्गज नेता सांसद रहे हैं। इनमें कांग्रेस के बलराम जाखड़ और जनता दल के चौधरी देवीलाल भी शामिल हैं, जो देश के उप-प्रधानमंत्री थे। सीकर में 1998 के बाद हुए छह आम चुनावों में से पांच में बीजेपी की जीत हुई है। कांग्रेस उम्मीदवार को 2009 में जीत मिली थी। इस सीट पर नतीजे के लिए जाट समुदाय के वोट अहम माने जाते हैं। ये भी माना जाता है कि पूर्वी राजस्थान में महत्वपूर्ण जाट आबादी वाली दूसरी सीटों पर भी यहां का असर पड़ता है। 
बीजेपी ने सीकर में मौजूदा सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती को फिर से मैदान में उतारा है। वे 2014 और 2019 में यहां से सांसद रहे हैं। उन्हें चुनौती दे रहे हैं सीपीएम के किसान नेता अमरा राम, जो राजस्थान विधानसभा में धोद विधानसभा सीट से तीन बार और दांता रामगढ़ से एक बार चुने गए थे। दोनों विधानसभा सीट सीकर लोकसभा सीट में आते हैं।

स्वामी सुमेधानंद को अपनी जीत का भरोसा है। यहां कांग्रेस और सीपीएम - इंडिया ब्लॉक का हिस्सा बनने से पहले विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे के खिलाफ थे। कुछ लोगों ने बीजेपी उम्मीदवार के प्रति अपना भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि वे केंद्र में बीजेपी के तीसरे कार्यकाल के लिए नरेंद्र मोदी के नाम पर बीजेपी उम्मीदवार को वोट देंगे। कुछ वोटर मौजूदा सांसद स्वामी सुमेधानंद से नाखुश हैं। उनकी शिकायत है कि सांसद ने अपने पुराने वादे पूरे नहीं किए। सीकर जिले से बड़ी संख्या में युवा सेना में शामिल होते रहे हैं। हालांकि सेना के लिए केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना से कई वोटर नाखुश हैं। सीकर सीट मुख्य रूप से रूरल है। यहां लोगों की रोजी-रोटी का मुख्य जरिया खेती है। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानूनी गारंटी भी इस सीट के मुख्य मुद्दों में एक है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए को राजस्थान की सभी 25 सीट पर जीत मिली थी। इस बार राजस्थान में दो चरणों में वोटिंग होगी। सीकर में पहले चरण में 19 अप्रैल को वोटिंग होगी।