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Gujarat: स्कूल में अब भगवद गीता पढ़ेंगे बच्चे, विधानसभा में प्रस्ताव पास

गुजरात विधान सभा ने स्कूलों में 'भगवद गीता' पढ़ाने के शिक्षा विभाग के हालिया फैसले को लागू करने के लिए कदम उठाते हुए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया। दिसंबर 2023 में, राज्य शिक्षा विभाग ने ऐलान किया था कि 'श्रीमद्भगवद गीता' में बताए गए आदर्शों और मूल्यों को छठी से 12वीं तक के स्कूलों में पढ़ाया जाएगा।

गुजरात के शिक्षा मंत्री प्रफुल्ल पंसेरिया ने कहा कि "छह से 12 तक ये गीता का पाठ क्रम वाइज स्टडी की जाएगी। पूरा विश्व में एक गीता एक विचारधारा है। गीता एक पथ है हमने ये संकल्प तो रखा तभी बिना विरोध के पारित हो गया। और नया सत्र के साथ गीता पढ़ाई जाएगी।" 

अधिकारियों के मुताबिक भगवद गीता में बताई गई बातों को छात्र-छात्राओं को इस तरह पढ़ाया जाएगा जिससे उनमें जिज्ञासा और समझ को बढ़ावा मिले।

एमएस स्कूल अहमदाबाद के डायरेक्टर प्रतीक भाटी ने बताया कि, "स्कूल में जो पढ़ाई होती वो एक्सप्लेनेशन के द्वारा ही होती है तो एक लेशन जो आता है उस आधार पर ही लेशन की तरह ही हम उसको लेंगे। कोई स्पेशल धर्म की तरह हमें उसको लेने में या उसको पढ़ाने में कोई दिक्कत नहीं होगी। क्योंकि श्रीमद भगवत गीता किसी एक धर्म के लिए नहीं है। वो सभी धर्मों को कुछ न कुछ सिखाती है और हर पीढ़ी को कुछ न कुछ उसमें संदेश मिलता है।" अधिकारियों के मुताबिक स्कूलों में भगवद गीता पढ़ाने का फैसला लागू करने का मकसद छात्र-छात्राओं को भारत की समृद्ध और विविधता भरी संस्कृति, नॉलेज सिस्टम और परंपराओं से रूबरू कराना, इससे जोड़ना है और उनमें गर्व की भावना भरना है।