असम में सारथेबारी के बेल-मेटल शिल्प को जीआई या भौगोलिक संकेत टैग से सम्मानित किया गया है। असम की अनूठी कला का यहां की संस्कृति में खास जगह है। इस कला में पारंपरिक रूप से हाथ से घंटियां, पूजा में काम आने वाले दूसरे बर्तन और सजावटी सामान बनाए जाते हैं। कारीगर और जानकार जीआई टैग पाने के लिए एक साल से ज्यादा समय से कोशिश कर रहे थे। कारीगरों के मुताबिक बेल-मेटल उद्योग को सालों तक नकली उत्पादों की चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। उनका मानना है कि जीआई टैग मिलने से उनके उत्पाद दुनिया भर के बाजारों में पहुंच सकेंगे। सारथेबारी का बेल-मेटल उद्योग असम के 12 पारंपरिक शिल्पों में से एक था, जिसे रविवार को जीआई टैग दिया गया।